Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में प्रणब मुखर्जी क्या सोचते थे? अपनी किताब में किया है खुलासा

पीएम नरेंद्र मोदी के बारे में प्रणब मुखर्जी क्या सोचते थे? अपनी किताब में किया है खुलासा

किताब में प्रणब मुखर्जी ने खुलासा किया है कि साल 2015 में रूस की उनकी यात्रा से पहले, "मुझे पीएम मोदी ने सलाह दी थी कि असैन्य परमाणु सहयोग और अंतरिक्ष से लेकर रक्षा हार्डवेयर देने की प्रक्रिया, जिसमें सुखोई -30 और अन्य संवेदनशील उपकरण शामिल हैं, के साथ-साथ उच्च शिक्षा जैसे पहलुओं पर विस्तृत चर्चा (राष्ट्रपति व्लादिमीर) की जाए।"

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 07, 2021 11:09 IST

नई दिल्ली. देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बेशक अब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन इन दिनों वो अपनी किताब की वजह से फिर से सुर्खियों में हैं। बेशक प्रणब मुखर्ची लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के वफादार रहे हों लेकिन उनके देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बहुत अच्छे संबंध थे। प्रणव मुखर्जी ने अपने संस्मरण में बताया कि विदेश दौरे पर जाने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें संबंधित देश से होने वाली चर्चा पर मुख्य बिंदुओं का विवरण देने वाला डिटेल नोट भेजते थे और उनके साथ चर्चा करते थे। मुखर्जी की किताब- The Presidential Years में कहा गया है, "वह मुझे एक पत्र भेजते थे, जिसमें हमारे द्विपक्षीय संबंधों के मुख्य बिंदुओं का उल्लेख होता था। यह पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई एक प्रथा थी।"

पढ़ें- भारतीय रेलवे ने किया नई स्पेशल ट्रेनों का ऐलान, यहां है पूरी जानकारी

किताब में प्रणब मुखर्जी ने खुलासा किया है कि साल 2015 में रूस की उनकी यात्रा से पहले, "मुझे पीएम मोदी ने सलाह दी थी कि असैन्य परमाणु सहयोग और अंतरिक्ष से लेकर रक्षा हार्डवेयर देने की प्रक्रिया, जिसमें सुखोई -30 और अन्य संवेदनशील उपकरण शामिल हैं, के साथ-साथ उच्च शिक्षा जैसे पहलुओं पर विस्तृत चर्चा (राष्ट्रपति व्लादिमीर) की जाए।" मुखर्जी का यह भी मानना था कि मोदी ने अपने पूर्ववर्ती के विपरीत प्रधानमंत्री पद मेहनत से कमाया और हासिल किया था।

पढ़ें- Kisan Andolan Live: प्रदर्शनकारी किसान निकाल रहे हैं ट्रैक्टर रैली, टिकैत बोले- 2024 तक जारी रहेगा आंदोलन

किताब में कहा गया है, "मैंने जिन दो प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया, उनके लिए प्रधानमंत्री बनने का मार्ग बहुत अलग था। डॉ. मनमोहन सिंह को सोनिया गांधी ने पद की पेशकश की थी, उन्हें कांग्रेस संसदीय दल और यूपीए के अन्य घटक दलों द्वारा प्रधान मंत्री पद के लिए चुना गया था, लेकिन उसने प्रस्ताव ठुकरा दिया। हालांकि किताब में प्रणब मुखर्जी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को "दृढ़ संकल्प", "एक मजबूत भावना" और "एक दृढ़ इच्छा शक्ति" वाला बताया है। किताब में कहा गया है कि मनमोहन सिंह ने बतौर पीएम अच्छा काम किया।

पढ़ें- ट्रंप बोले- नहीं करेंगे हार स्वीकार, यूएस कैपिटोल में 'lockdown', पुलिस एवं ट्रंप समर्थकों के बीच हुई झड़प

मुखर्जी ने किताब में आगे लिखा है, "दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी साल 2014 में भाजपा का नेतृत्व करते हुए लोगों के प्रचंड समर्थन के साथ प्रधानमंत्री बने। वो पूरी तरह से एक राजनेता है और भाजपा द्वरा कैंपन मोड में जाते ही उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया था। वो तब गुजरात के सीएम थे और उन्होंने एक ऐसी छवि बनाई थी, जो जनता के बीच सटीक बैठती थी। उन्होंने प्रधानमंत्री पद अर्जित और प्राप्त किया है।

पढ़ें- अनवर धर्म परिवर्तन कर बना देवप्रकाश, पुराने धर्म के लोगों ने की जलाकर मारने की कोशिश

दिलचस्प बात यह है कि मुखर्जी को साल 2014 में "त्रिशंकु संसद" की उम्मीद की, जिसमें भाजपा लगभग 195-200 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही थी और वह कांग्रेस को आमंत्रित करने की तैयारी कर रहे थे, भले ही उसके पास कम सीटें हों लेकिन एक स्थिर सरकार का वादा किया था। त्रिशंकु संसद की स्थिति में, मुखर्जी ने लिखा, “स्थिरता सुनिश्चित करना मेरी संवैधानिक ज़िम्मेदारी होगी। अगर कांग्रेस कम सीटों के साथ उभरती, लेकिन स्थिर सरकार का वादा करती, तो मैंने गठबंधन की सरकारों के प्रबंधन में उनके पिछले ट्रैक रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए पार्टी के नेता को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया होता। ”

पढ़ें- दो मुस्लिम लड़कियों ने की हिंदू लड़कों से शादी, मचा बवाल तो पुलिस ने उठाया ये कदम

मुखर्जी ने अपनी बात में इस बात का भी उल्लेख किया है कि मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए सार्क के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित करने की योजना पर मुखर्जी की सलाह भी मांगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस विचार पर उनकी सराहना की और उन्हें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और श्रीलंका के नेताओं के सामने आने वाले भारी सुरक्षा जोखिमों के कारण इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख के साथ चर्चा करने की सलाह दी।

पढ़ें- रोहतांग में अटल टनल के पास मारती है पुलिस? टूरिस्ट का मुर्गा बनाते वीडियो हुआ वायरल

किताब में मुखर्जी ने लिखा है, "जब नरेंद्र मोदी ने पीएम के रूप में पदभार संभाला, तो उन्हें विदेशी मामलों में कोई अनुभव नहीं था। गुजरात के सीएम के रूप में, उन्होंने कुछ देशों का दौरा किया था, लेकिन वो यात्राएं उनके राज्य की भलाई तक सीमित थीं, और उनका घरेलू या वैश्विक विदेश नीतियों से कोई लेना-देना नहीं था। इसलिए विदेश नीति उसके लिए सही मायने में पूरी तरह से नया क्षेत्र थी। लेकिन उन्होंने वो किया जो किसी पीएम ने पहले नहीं किया था: 2014 में अपने शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के शासनाध्यक्षों / राज्यों को आमंत्रित किया- और इसमें पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम, नवाज शरीफ भी शामिल थे। उनकी आउट-ऑफ-द-बॉक्स पहल ने कई विदेश नीति के दिग्गजों को आश्चर्यचकित किया।"

पढ़ें-  Ghaziabad Shamshan Ghat Hadsa: हाईवे पर तीन शव रखकर बैठे पीड़ित परिवार, बोले- इनके बच्चों को कौन संभालेगा

मुखर्जी ने अपनी किताब में कई और मसलों पर भी पीएम मोदी की विदेश नीति की तारीफ की है। साल 2015 में पीएम मोदी के अचानक लाहौर में उतरने को लेकर उन्होंने लिखा, "यह स्पष्ट था कि कोई भी नरेंद्र मोदी से अप्रत्याशित की उम्मीद कर सकता है, क्योंकि वह किसी वैचारिक विदेश नीति का बोझ लेकर नहीं आए थे। उन्हें इन आश्चर्यों को जारी रखना था।"

पढ़ें- Corona Vaccine पर बंटा मुलायम परिवार, अपर्णा ने अखिलेश के बयान पर कही बड़ी बात

उन्होंने किताब में मोदी सरकार द्वारा बांग्लादेश के साथ लंब समय से चले आ रहे भूमि विवाद के हल होने का भी जिक्र किया है। उन्होंने किताब में कहा कि इसके अलावा, जापान, इज़रायल और मालदीव जैसे पड़ोसियों के साथ भारत के संबंधों में सुधार देखा गया। उन्होंने नेपाल का उल्लेख भी किया, जिसमें कहा गया था कि 2015 के बड़े पैमाने पर भूकंप के बाद, "पीएम मोदी ने सहायता प्रदान करने के लिए तेजी से कदम बढ़ाए, भूकंप से तबाह क्षेत्रों के लिए एक बड़ी राहत और पुनर्वास पैकेज की घोषणा की।"

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement