नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सभी को ईद उल फितर की बधाई दी और कहा कि ऐसे पवित्र पर्व से खुशियां फैलाने और राष्ट्र को आगे ले जाने की प्रेरणा लेनी चाहिये। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की विविधता ही उसकी विशेषता और ताकत है।
मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा, रमजान माह को बेहद भक्ति भाव से मनाया गया। अब यह ईद का समय है। ईद-उल-फितर के मौके पर सभी को मेरी शुभकामनायें। रमजान माह के रोजे खत्म होने पर ईद-उल-फितर कल मनाई जायेगी। उन्होंने कहा, रमजान पवित्र दान का महीना है, खुशियां फैलाने का मौका है...आइये, हम सभी साथ मिलकर इस पवित्र त्योहार से खुशियों का खजाना फैलाने और राष्ट्र को आगे ले जाने की प्रेरणा लें।
विविधता के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का भी जिक्र किया जो देश के साथ ही दुनिया के कई हिस्सों में पूरे भक्तिभाव और धार्मिक उत्साह के साथ निकाली जा रही है।
अपने 30 मिनट के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, मैं देशवासियों को जगन्नाथ यात्रा के मौके पर बधाई देता हूं। मोदी ने कहा, देश के गरीब लोग भगवान जगन्नाथ से जुड़े हैं। जिन लोगों ने बाबा साहेब आंबेडकर को पढ़ा है उन्होंने देखा होगा कि वह भगवान जगन्नाथ मंदिर और उसकी परंपराओं की प्रशंसा करते थे क्योंकि क्योंकि इसमें सामाजिक न्याय और सामाजिक सौहार्द्र जुड़ा था।
इस संदर्भ में उन्होंने शब्द जगरनॉट का जिक्र करते हुये कहा कि इसका मतलब ऐसा रथ है जिसे किसी के द्वारा रोका नहीं जा सके। रमजान का जिक्र करते हुये प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के मुस्लिम बहुल मुबारकपुर गांव के लोगों के प्रेरणाप्रद रवैये का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि रमजान के दौरान करीब 3500 परिवारों की आबादी वाले इस गांव के लोगों ने सामूहिक रूप से शौचालय के निर्माण का फैसला किया। मोदी ने कहा कि इस प्रयास में मदद के लिये सरकार ने 17 लाख रूपये दिये।
प्रधानमंत्री ने कहा, लेकिन आप यह जानकर खुश होंगे कि रमजान के मौके पर सभी मुस्लिम भाइयों और बहनों ने 17 लाख रूपये की यह रकम सरकार को लौटाते हुये कहा कि वह अपने शौचालयों का निर्माण अपने रूपयों और श्रम से करेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने सरकार को बताया कि वह इस रकम का इस्तेमाल गांव में दूसरी सुविधायें मुहैया कराने के लिये करे। मुबारकपुर के ग्रामीणों को इसके लिये बधाई देते हुये मोदी ने कहा कि उनका रुख जहां प्रेरणादायी था वहीं बड़ा तत्व यह कि गांव को खुले में शौच से मुक्त बनाया गया।
उन्होंने कहा कि तीन राज्य सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और केरल पहले ही खुले में शौच से मुक्त हो चुके थे और हाल ही में उाराखंड और हरियाणा भी इस सूचि में शामिल हो गये हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं इन पांच राज्यों की सरकारों और जनता को यह उपलब्धि हासिल करने के लिये बधाई देता हूं।