नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत की परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत ने अपनी पहली प्रतिरोध गश्त (डेटरेंस पेट्रोल) सफलतापूर्वक पूरी कर ली है और इसी के साथ देश की ‘परमाणु तिकड़ी’ पूरी हो गई। गौरतलब है कि भारतीय थलसेना की अग्नि बैलिस्टिक मिसाइलें और वायुसेना के लड़ाकू विमान परमाणु युद्धक सामग्री साथ ले जाने में सक्षम हैं और आईएनएस अरिहंत नौसेना की समुद्री मारक क्षमता को पूरा करता है। अरिहंत के क्रू को संबोधित करते हुए मोदी ने पाकिस्तान पर परोक्ष हमला बोला और कहा कि यह मौका ‘‘देश और अमन के दुश्मनों को चेतावनी है’’ कि उन्हें भारत के खिलाफ कोई दुस्साहस नहीं करना चाहिए।
भारत को शांतिप्रिय और किसी को न उकसाने वाला देश बताते हुए मोदी ने कहा कि वह उकसाने वाले को बख्शता भी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा परमाणु शस्त्रागार किसी आक्रामक नीति का हिस्सा नहीं है बल्कि शांति एवं स्थायित्व का महत्वपूर्ण साधन है।’’ मोदी ने कहा कि भारत की ‘परमाणु तिकड़ी’ वैश्विक शांति एवं स्थिरता का महत्वपूर्ण स्तंभ होगी और आईएनएस अरिहंत देश की ‘‘निडरता का संदेशवाहक’’ होगा। यह घटना अहम है क्योंकि भारत के दो पड़ोसी देश परमाणु हथियार संपन्न हैं। भारत का पूर्वी पड़ोसी चीन 1970 के दशक में ही परमाणु हथियार संपन्न बन गया था।
भारत के सामरिक हितों के लिए अहम हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी पोतों एवं पनडुब्बियों की मौजूदगी में बढ़ोतरी देखी जा रही है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि यह पनडुब्बी उन लोगों को एक करारा जवाब है, जो परमाणु ब्लैकमेल में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह धनतेरस और अधिक खास हो गया। मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि भारत का गौरव, परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत ने अपना प्रथम प्रतिरोध गश्त सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। मैं इस उपलब्धि के लिए इसमें शामिल सभी लोगों, खासतौर पर आईएनएस अरिहंत के चालक दल के सदस्यों को बधाई देता हूं। इस उपलब्धि को इतिहास में याद रखा जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह घटनाक्रम देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। आईएनएस अरिहंत देश को बाहरी खतरों से हिफाजत करने में मदद करेगा और क्षेत्र में शांतिपूर्ण माहौल में योगदान देगा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘इस तरह के युग में एक विश्वसनीय परमाणु प्रतिरोध वक्त की मांग है। आईएनएस अरिहंत की सफलता उन लोगों को एक करारा जवाब है जो परमाणु ब्लैकमेल में शामिल हैं।’’ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान में कहा गया है कि प्रधान मंत्री ने स्ट्रेटजिक स्ट्राईक न्युक्लीयर सबमरीन (एसएसबीन) परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के अधिकारियों और कर्मियों से भी मुलाकात की।
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