नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए देश में कोविड-19 की स्थिति और वैक्सीनेशन अभियान की समीक्षा की। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि भारत में अभी भी कोरोना की दूसरी लहर जारी है और यह समाप्त नहीं हुई है।
उन्होंने कहा था कि देश के 35 जिलों में साप्ताहिक कोविड संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक है, जबकि 30 जिलों में यह दर 5 से 10 प्रतिशत के बीच है। सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा था कि देश की वयस्क आबादी में 58 प्रतिशत को कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक दी जा चुकी है, वहीं 18 प्रतिशत को दोनों खुराकें दी गयी हैं। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि देश में अब तक 72 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।
इस बीच सरकार ने वैक्सीनेशन के विभिन्न पहलुओं की जानकारी देने के लिए तीन मंचों के आंकड़ों का तालमेल करके एक कोविड वैक्सीन ट्रैकर विकसित किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक ब्रीफिंग में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि वैक्सीन ट्रैकर को को-विन पोर्टल, राष्ट्रीय कोविड-19 जांच आंकड़े और कोविड-19 इंडिया पोर्टल के आंकड़ों के तालमेल से विकसित किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘आंकड़ों को आईसीएमआर पहचान संख्या और मोबाइल नंबरों के आधार पर समन्वित किया गया है। हम एक वैक्सीन ट्रैकर तैयार करने में सक्षम हुए हैं जो बहुत जल्द स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन होने जा रहा है।”
ट्रैकर कोविड वैक्सीन की पहली और दूसरी खुराक तथा उनकी प्रभावशीलता के बारे में सप्ताह दर सप्ताह जानकारी देता है। उन्होंने 18 अप्रैल से 15 अगस्त तक कोविड ट्रैकर के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि मृत्यु दर को रोकने में वैक्सीन की प्रभावशीलता 96.6 प्रतिशत और दूसरी खुराक के बाद 97.5 प्रतिशत है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा, "यह स्पष्ट है कि दोनों खुराकों के बाद, बीमारी की गंभीरता और मृत्यु से लगभग पूरी सुरक्षा मिलती है।’’
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