नई दिल्ली: बांग्लादेश दौरे के दूसरे दिन आज प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले जेशोरेश्वरी काली मंदिर पहुंचे और वहां पर पूजा अर्चना की। पीएम मोदी आज मतुआ समाज के ठाकुरबाड़ी में हरिचंद्र ठाकुर का भी करेंगे दर्शन। प्रधानमंत्री मोदी गोपालगंज जिले के तुंगीपाड़ा में 'बंगबंधु' शेख मुजीबुर रहमान के स्मारक पर भी जाएंगे। वह उस स्थान पर जाने वाले पहले गणमान्य भारतीय होंगे। पीएम मोदी का ओराकांडी में मतुआ समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ संवाद का भी कार्यक्रम है।
आज दोपहर मोदी प्रधानमंत्री कार्यालय में हसीना के साथ वार्ता करेंगे। इस दौरान पांच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। कुछ परियोजनाओं का भी वह डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करेंगे। स्वदेश रवाना होने से पहले वह राष्ट्रपति अब्दुल हमीद से भी मुलाकात करेंगे। मोदी का बांग्लादेश दौरा ऐसे समय में हुआ है जब पड़ोसी देश शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी ‘‘मुजीब वर्ष’’, देश की आजादी के 50 साल का उत्सव और भारत-बांग्दलादेश संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर समारोह मना रहा है।
कई शताब्दियों पुराना यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। मंदिर परिसर में पहुंचने पर प्रधानमंत्री का स्वागत शंख बजाकर, तिलक लगाकर और अन्य पारंपरिक तरीकों से किया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने विधि-विधान से मां काली की पूजा अर्चना की। उन्होंने मां काली को एक मुकुट, साड़ी व अन्य पूजन सामग्रियां भी अर्पित की और अंत में मंदिर की परिक्रमा भी की। बाद में उन्होंने कहा कि मंदिर में पूजा अर्चना कर उन्होंने पूरी मानव जाति के कल्याण की कामना की। उन्होंने कहा, ‘‘आज मुझे 51 शक्तिपीठों में से एक मां काली के चरणों में आने का सौभाग्य मिला। मेरी कोशिश रहती है कि मौका मिले तो 51 शक्तिपीठों में कभी ना कभी जाकर अपना मत्था टेकूं।’’
मोदी ने कहा कि वर्ष 2015 में वह जब बांग्लादेश आए थे तो उन्हें मां ढाकेश्वरी के चरणों में शीश झुकाने का अवसर मिला था और आज मां काली के चरणों में आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘आज मानव जाति कोरोना के कारण अनेक संकटों से गुजर रही है, मां से यही प्रार्थना है कि पूरी मानव जाति को कोरोना के इस संकट से जल्द से जल्द मुक्ति दिलाएं।’’
प्रधानमंत्री ने ‘‘सर्वे भवंतु सुखिन:’’ के मंत्र का उल्लेख किया और ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम’’ को भारतीय संस्कृति की विरासत बताते हुए कहा, ‘‘हम पूरी मानव जाति के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि जब यहां मां काली की पूजा का मेला लगता है तो बहुत बड़ी तादाद में भक्त आते हैं जिनमें सीमापार के श्रद्धालु भी शामिल होते हैं। उन्होंने यहां एक सामुदायिक केंद्र के निर्माण की आवश्यकता बताते हुए कहा कि भारत सरकार यहां इसके निर्माण का कार्य करेगी ताकि जब काली पूजा के समय लोग यहां आएं तो यह उनके उपयोग में आए। आपदा के समय भी यह काम आए। उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार यहां पर निर्माण कार्य कराएगी। इसके लिए बांग्लादेश सरकार ने शुभकामनाएं प्रकट की है। इसके लिए मैं उनका आभार प्रकट करता हूं।’’
इससे पहले पीएम मोदी ने शुक्रवार को पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि अमानवीय आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने वाली ताकतें अब भी सक्रिय हैं और भारत व बांग्लादेश को इनके नापाक इरादों को विफल करने के लिए सवाधान और संगठित रहना होगा। प्रधानमंत्री ने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के नेतृत्व और 1971 की बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में भारतीय सेना के योगदान की भी सराहना की। बांग्लादेश की आजादी की स्वर्ण जयंती और शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी के अवसर पर आयोजित मुख्य समरोह को मोदी संबोधित कर रहे थे।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद और प्रधानमंत्री शेख हसीना की उपस्थिति में मोदी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच लोकतंत्र की ताकत है और साथ ही आगे बढ़ने की एक स्पष्ट दृष्टि भी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लक्ष्य भी साझे हैं, हमारी चुनौतियां भी साझी हैं। हमें याद रखना है कि व्यापार और उद्योग में जहां हमारे लिए एक जैसी संभावनाएं हैं तो आतंकवाद जैसे समान खतरे भी हैं। जो सोच और शक्तियां इस प्रकार की अमानवीय घटनाओं को अंजाम देती हैं, वो अब भी सक्रिय हैं।’’
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