नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर असम में हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम की जनता को भरोसा दिया है कि कोई भी उनके अधिकार, अलग पहचान और सुंदर संस्कृति को नहीं छीन सकता और यह फलती फूलती रहेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में असम की जनता को कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के पास होने से उन्हें किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे और केंद्र सरकार असम की जनता के राजनीतिक, सांस्कृतिक भाषाई और जमीनी अधिकारों की संवैधानिक तौर पर रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बुधवार रात नागरिकता संशोधन विधेयक संसद से पारित हो गया है, सोमवार को लोकसभा से पास होने के बाद बुधवार को यह राज्यसभा से भी पास हो गया और अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा। लेकिन नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ पूर्वोत्तर के राज्यों और खासकर असम में विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
दरअसल विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर आए हिंदू, बोद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। असम में बांग्लादेश से भारी संख्या में लोग आकर बसे हुए हैं और उनको बाहर करने के लिए ही असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर लागू किया गया था जिसका असम की जनता ने स्वागत किया है। लेकिन असम में कुछेक वर्गों में ऐसा कहा जा रहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक से राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का प्रभाव खत्म हो जाएगा और इसलिए ही वहां पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। हालांकि केंद्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि नागरिकता संशोधन विधेयक से असम पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ेगा।