नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में विकास की पहलों पर जोर देते हुए बुधवार को केंद्रीय मंत्रियों से क्षेत्र के लिए योजनाओं और परियोजनाओं पर काम करने के लिए कहा। मोदी ने इसके साथ ही राज्य के उन अधिकारियों और छात्रों के साथ संवाद कायम करने का भी आह्वान किया जो वर्तमान समय में देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर की स्थिति पर एक प्रस्तुति दी और जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के कदम के बारे में देर तक बोले। उन्होंने कहा कि शाह ने कहा कि घाटी में स्थिति में धीरे धीरे सुधार हो रहा है। घाटी में कई स्थानों पर सुरक्षा एवं संचार पाबंदियां हैं।
उन्होंने पाबंदियों का बचाव करते हुए कहा कि यह व्यापक हित के लिए है। उन्होंने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि संचार और लोगों की आवाजाही पर पूर्ण रोक नहीं है। शाह ने कहा कि पाबंदियां केवल कुछ स्थानों पर लागू हैं जहां सुरक्षा को खतरा है। सूत्रों ने कहा कि बैठक में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने उनके द्वारा हाल में घोषित सुधार के उपायों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने ये कदम उठाने से पहले सभी हितधारकों से मशविरा किया है। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा इस महीने के शुरू में समाप्त किये जाने के बाद सरकार राज्य में 100 से अधिक केंद्रीय कानून लागू करने के वास्ते जरूरी आधारभूत ढांचा तैयार करने को जल्द ही करोड़ों रुपये के पैकेज ला सकती है।
सूत्रों ने कहा कि यद्यपि विभिन्न मंत्रालयों द्वारा दिये गए प्रस्तावों पर आधारित पैकेज वास्तव में कितनी राशि का होगा इसकी अभी गणना की जानी है। प्रस्ताव जल्द ही व्यय वित्तपोषण समिति को भेजा जाएगा और घोषणा किये जाने से पहले इसकी केंद्रीय कैबिनेट द्वारा जांच पड़ताल की जाएगी।