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PM मोदी और अमित शाह ने दी केशुभाई पटेल को श्रद्धांजलि, जाहिर किया गहरा शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 29, 2020 14:59 IST
PM मोदी और अमित शाह ने दी केशुभाई पटेल को श्रद्धांजलि, जाहिर किया गहरा शोक- India TV Hindi
Image Source : PTI/FILE PM मोदी और अमित शाह ने दी केशुभाई पटेल को श्रद्धांजलि, जाहिर किया गहरा शोक

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो के जरिए कहा, "हम सभी के प्रिय, श्रद्धेय केशुभाई पटेल जी के निधन से मैं दुखी हूं, स्तब्ध हूं। केशुभाई का जाना मेरे लिए किसी पिता तूल्य के जाने की तरह है। उनका निधन मेरे लिए ऐसी क्षति है जो कभी पूरी नहीं हो पाएगी।"

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केशुभाई का पूरा जीवन गुजरात की जनता की सेवा में समर्पित रहा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। उनका लम्बा सार्वजनिक जीवन गुजरात की जनता की सेवा में समर्पित रहा। केशुभाई के निधन से गुजरात की राजनीति में ऐसी रिक्तता आयी है जिसका भरना आसान नहीं है। उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा में रहते हुए गुजरात में संगठन को सशक्त करने में केशुभाई ने अहम भूमिका निभाई और सोमनाथ मंदिर के न्यासी के रूप में उन्होंने मंदिर के विकास में हमेशा बढ़ चढ़कर सहयोग किया। उन्होंने कहा, ‘‘अपने कार्यों व व्यवहार से केशुभाई सदैव हमारी स्मृति में रहेंगे। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें।’’ बता दें कि केशुभाई पटेल का आज गुजरात में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। पटेल 92 वर्ष के थे।

गौरतलब है कि केशुभाई पटेल गुजरात की राजनीति का एक बड़ा नाम थे। वह राजनीतिक रूप से सक्रिय उस पटेल समुदाय से आते थे जो गुजरात की सियासत और सरकार गठन में हमेशा ही बड़ा रोल निभाता रहा है। केशुभाई 1980 से वर्ष 2012 तक भारतीय जनता पार्टी के सदस्य रहे थे और भाजपा से ही गुजरात के दो बार मुख्यमंत्री भी रहे। हालांकि, 2012 में उन्होंने भाजपा से रिश्ता तोड़ा और गुजरात परिवर्तन पार्टी का गठन कर अपनी ही राह पर निकल पड़े थे। 

गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में केशुभाई पटेल का पहला कार्यकाल 14 मार्च 1995 से 21 अक्टूबर 1995 तक था। करीब सात महीने सीएम की कुर्सी पर रहने के बाद यह कुर्सी उनसे छिन गई और फिर गुजरात का मुख्यमंत्री सुरेश चंद्र मेहता को बनाया गया। लेकिन, अभी केशुभाई पटेल को एक और बार गुजरात का मुख्यमंत्री बनना था। वह दूसरी बार 4 मार्च 1998 को गुजरात के मुख्यमंत्री बनाए गए और सीएम के रूप में इस बार उनका कार्यकाल 6 अक्टूबर 2001 तक चला।

फिर जब 2001 में गुजरात के अंदर भाजपा को दो उपचुनावों में करारी हार मिली तो मुख्यमंत्री के रूप काम कर रहे केशुभाई पटेल की कुर्सी फिर हिली और तब नरेंद्र मोदी (मौजूदा प्रधानमंत्री) को गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया गया। तब मोदी के गुजरात को मुख्यमंत्री बनने से केशुभाई नाराज हुए और उन्होंने इसका जमकर विरोध भी किया। वह विद्रोह पर उतर आए थे। हालांकि, इसके बाद भी वह लंबे वक्त तक भाजपा के साथ जुड़े रहे।

माना जाता है कि 2007 के गुजरात चुनावों में केशुभाई पटेल ने भाजपा के विरोध में पटेल समुदाय को वोट करने की अपील की थी। लेकिन, उनकी अपील फेल साबित और पटेल बहुल सौराष्ट्र में भाजपा को पहले से भी अधिक बड़ी सफलता मिली। तब केशुभाई पटेल को अपनी राजनीतिक हार का अहसास हुआ। यह साफ संकेट था कि पटेल समुदाय के बीच उनका जनधार घट रहा है। भाजपा ने उन्हें पार्टी विरोधी क्रियाकलापों के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था।

2012 में उन्होंने भाजपा से अलग होकर गुजरात परिवर्तन पार्टी का गठन किया लेकिन जब चुनावों में उनका पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा तो 2014 में उन्होंने अपना पार्टी का विलय भाजपा में कर दिया। 

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