नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दोपहर 2 बजे मध्य प्रदेश के किसानों के एक सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे। उनके इस संबोधन का प्रसारण मध्य प्रदेश की करीब 23 हजार ग्राम पंचायतों में किया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी रायसेन में मौजूद रहेंगे। उनके अलावा बीजेपी मुख्यालयों में राज्य सरकार के मंत्री और बीजेपी विधायक भी उपस्थित रहेंगे।
सीएम देंगे किसान सम्मान निधि की किश्त
शुक्रवार को मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान किसानों को फसल नुकसान के लिए राहत राशि वितरित करेंगे। शुक्रवार को राज्य सरकार 35 लाख किसानों के बैंक खातों में 1,660 करोड़ रुपए की राशि डालेगी। इस दौरान खरीफ की 2020 की फसल में हुए नुकसान के एवज में भी राहत राशि भी दी जाएगी। साथ ही करीब दो हजार पशुपालकों और मछली पालक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी जारी किया जाएगा। मध्य प्रदेश के सीएम कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है। सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यालय द्वारा नए कृषि कानूनों का उल्लेख किया गया है कार्यक्रम में किसानों को नए कृषि कानूनों के फायदों के बारे में बताया जाएगा। 18 दिसंबर को होने वाला मेगा कार्यक्रम चार स्तरों में आयोजित किया जा रहा है- ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला और राज्य। मुख्यमंत्री राज्यस्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करेंगे, जहां करीब 20,000 किसान मौजूद रहेंगे।
बात दें कि, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार को कच्छ के किसानों और एक स्थानीय स्वसहायता समूह के सदस्यों से मुलाकात की थी। उधर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का लगातार 22 दिन से प्रदर्शन जारी है। आंदोलनरत किसान केंद्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं वहीं बीजेपी ने कृषि कानूनों के बारे में किसानों को समझाने के लिए सभा आयोजित करने का फैसला लिया है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है मामला
वहीं किसान आंदोलन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर समय पर इसका समाधान नहीं निकलता है तो किसानों का प्रदर्शन राष्ट्रीय हो सकता है। हम स्वीकार करते हैं कि किसानों को विरोध करने का अधिकार है, हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे। हम केंद्र से पूछेंगे कि क्या नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन किए बिना विरोध के तरीके को बदला जा सकता है? लेकिन अदालत ने किसानों को यह भी कहा: दिल्ली को ब्लॉक करने से यहां के लोग भूखे रह सकते हैं। आपका (किसानों) मकसद बात करके पूरा हो सकता है। सिर्फ विरोध प्रदर्शन पर बैठने से कोई फायदा नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसान पूरे शहर को बंधक नहीं बना सकते। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि हम कानून पर रोक की बात नहीं कह रहे, सिर्फ वार्ता का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।