नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को तमिलनाडु दौरे के दौरान चेन्नई में सेना प्रमुख एमएम नरवणे को अर्जुन मेन बैटल टैंक (एमके-1ए) सौंपा। इस स्वदेशी युद्ध टैंक का डिजाइन, विकास और निर्माण सीवीआरडीई, डीआरडीओ ने 15 अकादमिक संस्थानों, 8 प्रयोगशालाओं और कई एमएसएमई के साथ मिलकर किया है।
क्या है नए टैंक की खासियत
नए अर्जुन टैंक में 71 एडवांस फीचर्स जोड़े गए हैं। जिसकी मदद से टैंक ज्यादा सटीकता और तेजी के साथ लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। इसके साथ ही टैंक मारक क्षमता में और बढ़ोतरी की गई है। टैंक पहले से ज्यादा सुरक्षित भी बनाया गया है। फिलहाल भारत के पास अर्जुन टैंक की दो रेजीमेंट पहले से हैं जिसमें कुल 124 अर्जुन मार्क 1 एस है। अब सेना 118 एमके-1ए के साथ दो और रेजीमेंट तैयार करेगी।
आत्मनिर्भर भारत मिशन में मिलेगी बड़ी मदद
सेना को 8500 करोड़ रुपये की कीमत के प्रोजेक्ट के तहत 118 टैंक मिलने हैं। इसको तैयार करने में 200 अलग अलग कंपनियां शामिल हैं और इससे हजारों लोगों को कारोबार मिला है। सेना अब चीन के साथ तनातनी के बीच हल्के टैंक पर जोर दे रही है। डीआरडीओ पहले ही संकेत दे चुका है कि अर्जुन टैंक को तैयार करने में मिली जानकारी और अनुभव देश में ही बेहद एडवांस टैंक और बख्तरबंद वाहन तैयार करने में काफी मदद करेगा और अगले कुछ सालों में अगली पीढी के हमलावर वाहनों को तैयार करने में भारत पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो जाएगा
चेन्नई को मिली कई अन्य सौगात
सेना को आधुनिक टैंक सौंपने के साथ साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु को कई विकास परियोजनाओं की सौगात भी दी है। उन्होने 3,770 करोड़ रुपये की लागत से बने चेन्नई मेट्रो रेल फेज-1 एक्सटेंशन का उद्घाटन भी किया, चेन्नई मेट्रो का 9.05 किमी लंबा यह एक्सटेंशन नॉर्थ चेन्नई को एयरपोर्ट और सेंट्रल रेलवे स्टेशन से जोड़ेगा। प्रधानमंत्री ने 'चेन्नई बीच और अट्टिपट्टु' के मध्य चौथी रेलवे लाइन का उद्घाटन भी किया। 293.40 करोड़ रुपये की लागत से तैयार 22.1 किलोमीटर का यह खंड चेन्नई और तिरुवल्लूर जि़लों से होकर गुजरता है। इसके बनने से चेन्नई बंदरगाह और इसके आसपास ट्रैफिक कम होगा। रेलवे का यह खंड चेन्नई बंदरगाह और एन्नोर बंदरगाह को आपस में जोड़ता है। यह खंड कई प्रमुख यार्डस से गुजरता है और ट्रेनों की आवाजाही के संबंध में परिचालन संबंधी सुविधा प्रदान करता है।