नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को इस बात का खुलासा किया है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ मजबूत गठबंधन बनाने के लिए विपक्षी दलों के बीच व्यापक सहमित बन गई है और प्रधानमंत्री पद के बारे में फैसला चुनाव परिणाम आने के बाद होगा। पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन के लिए सपा, बसपा एवं अन्य भाजपा विरोधी दलों के बीच भी ‘रणनीतिक समझ’ बन गई है।
दो चरणों में कर काम कर रही है कांग्रेस की रणनीति
उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में ‘सही से’ गठबंधन हो गया तो भाजपा सत्ता में नहीं लौटने वाली है। लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा पेश करने के सवाल पर सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस फिलहाल दो चरणों में काम कर रही है। पहला चरण सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाकर भाजपा और नरेंद्र मोदी को हराने का है। दूसरा चरण चुनाव परिणाम का है जिसके बाद दूसरे बिंदुओं पर बात होगी।
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री पद को लेकर चुनाव से पहले बातचीत करना ‘विभाजनकारी’ होगा। उन्होंने कहा कि सारे विपक्षी दलों में यह व्यापक सहमति बन चुकी है कि सभी को मिलकर भाजपा और आरएसएस को हराना है। उत्तर प्रदेश में महागठबंधन के सवाल पर कांग्रेस के सूत्रों ने कहा, ‘‘बातचीत चल रही है, लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि गठबंधन को लेकर रणनीतिक सहमति बन गई है।’’
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार रहेंगे निर्णायक
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में सही से गठबंधन हो गया तो भाजपा की 120 सीटें अपने आप कम हो जाएंगी और उत्तर प्रदेश में तो सत्तारूढ़ पार्टी पांच सीटों पर सिमट जाएगी।’’कांग्रेस सूत्रों ने यह भी दावा कि आगामी लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों में पार्टी की लोकसभा सीटों में काफी इजाफा होगा।