नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सलाहकार पी के सिन्हा ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को छोड़ दिया है। इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीके सिन्हा ने सोमवार को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1977 बैच के अधिकारी रहे सिन्हा को सितंबर 2019 में प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गया था। इससे पहले उन्हें कुछ समय के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) नियुक्त किया गया था। वह चार वर्षों तक कैबिनेट सचिव के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। सिन्हा ऊर्जा मंत्रालय में सचिव के पद भी काम कर चुके हैं।
पीएम मोदी के पूर्व प्रधान सलाहकार रह चुके नृपेंद्र मिश्र के त्यागपत्र के बाद पी के सिन्हा को प्रधान सलाहकार नियुक्त किया गया था। नृपेंद्र मिश्र को बाद में अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के निर्माण के लिए गठित की गई कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया गया है और फिलहाल वे राम मंदिर निर्माण का कार्य देख रहे हैं। पीके सिन्हा को लेकर भी इस तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं कि उन्हें भी कोई और जिम्मेदारी दी जा सकती है।
बिहार के औरंगाबाद जिले के मूल निवासी पीके सिन्हा का जन्म 18 जुलाई, 1955 में हुआ था। कैबिनेट के सेक्रेटरी पद से रिटायरमेंट के बाद उन्हें पीएमओ में मुख्य सलाहकार का पद सौंपा गया था। इस पद पर उनकी नियुक्ति 11 सितंबर 2019 को की गई। उन्होंने 13 जून, 2015 से 30 अगस्त, 2019 तक कैबिनेट सेक्रेटरी के तौर पर काम किया। वे उत्तर प्रदेश कैडर के 1977 बैच के भारतीय प्राशसनिक सेवा के अधिकारी रहे हैं। उन्होंने पावर और जहाजरानी मंत्रालयों में सचिव का पद भी संभाला है। उन्होंने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में विशेष सचिव के रूप में भी काम किया है।