Saturday, December 21, 2024
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पीयूष गोयल Exclusive: किसान आंदोलन को नक्सल और माओवादी ताकतों ने किया हाइजैक

पीयूष गोयल ने कहा कि इस आंदोलन की आड़ में शाहीन बाग की तरह कुछ ताकतें अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही है।

Reported by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : December 12, 2020 21:25 IST
पीयूष गोयल Exclusive: किसान आंदोलन में शाहीन बाग की तरह अराजकता फैलाने की कोशिश
पीयूष गोयल Exclusive: किसान आंदोलन में शाहीन बाग की तरह अराजकता फैलाने की कोशिश

नई दिल्ली: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किसान आंदोलन में इंडिया टीवी से खास बातचीत की। किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार ने किसानों के साथ मिलकर इसे सुलझाने की पूरी कोशिश की है। ऐसे में इसे लेकर अबतक कई राउंड की बातचीत भी हो चुकी है लेकिन कोई हल नही निकल पाया है। ऐसा क्यों हुआ इसे लेकर पीयूष गोयल ने कहा कि इस आंदोलन की आड़ में शाहीन बाग की तरह कुछ ताकतें अराजकता फैलाने की कोशिश कर रही है। यह किसान आंदोलन कम है और अब इसको नक्सल और माओवादी ताकतों ने हाइजैक कर लिया है। 

क्या किसान आंदोलन को अराजक तत्वों ने हाइजैक कर लिया है?

रेल मंत्री ने इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजन शर्मा को बधाई देते हुए आंदोलन में गलत ताकतों को एक्सपोज करने के लिए उनको धन्यवाद दिया। इस आंदोलन में गलत ताकतों द्वारा शाहीन बाग की तरह अराजकता फैलाने की कोशिश की जा रही है। उन्होनें कहा कि रजत जी ने सबसे पहले कृषि आंदोलन का माहौल बिगाड़ने वालों का सच दिखाया। 

पीयूष गोयल ने कहा कि यह सच है कि किसानों को शुरु में कुछ भ्रांतियां थी जिसके आधार पर किसान इस आंदोलन के रास्ते पर चले। लेकिन पहली मीटिंग में किसानों के 2 गुट सामने आए और उन्होनें सरकार को अपनी मांग के 2 अलग-अलग  ज्ञापस सौंपे। उनमें से दूसरे ज्ञापन में गिरफ्तार हुए बुद्धिजीवियों को रिलीज की बात थी। हमें पहले तो अजीब लगा कि किसान आंदोलन में इन लोगों को रिलीज करने की मांग क्यों की जा रही है। बाद में मीटिंग के दौरान भी किसानों की चर्चा की बीच एक दो लोगों ने इन बुद्धिजीवियों को रिहा करने की मांग की ऐसे में जब हमने पूछा की इसका किसानों से क्या लेना है तो बात को घूमा दिया जाता।

किसान आंदोलन को नक्सल और माओवादी ताकतों ने किया हाइजैक

रेल मंत्री ने यह भी बताया कि हमने देखा कि की मीटिंग में जैसे किसानों के साथ चर्चा सकारात्मकता की तरफ जाती तो कुछ लोग बोलने लगते कानून को वापस। उन्होनें बताया कि शरजील इमाम और उमर खालिद को छोड़ने की बात कही जा रही है। इस यह किसान आंदोलन कम है और अब इसको नक्सल और माओवादी ताकतों ने हाइजैक कर लिया है। इन ताकतों के बीच किसान अपने मुद्दों की बात नही कर पा रहे है। 

उन्होनें बताया कि कई किसानों ने हमें पर्सनली कहा है कि आपने हमारे सभी मुद्दों को हल कर दिया है। कई कांग्रेस नेताओं ने भी हमसे मिलकर कहा कि अगर आप यह मांग के लिए तैयार हो तो आंदोलन के लिए कोई मुद्दा ही नही रहा है। लेकिन किसानों के कंधे पर रखकर कुछ नेता अपना एजेंडा चला रहे है। 

पीयूष गोयल की किसानों से अपील

पीयूष गोयल ने किसानों से अपील की कि मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। सरकार खुले मन और खुले दिल से चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन इन नक्सल और माओवादी लोगों की बातों में ना आए। आप अपना एजेंडा डाइवर्ट ना होने दे। चर्चा के माध्यम से अगर कोई बात निकलेगी तो सरकार उसके लिए तैयार होगी। 

पीयूष गोयल ने बताया कि हमने पूरानी किसी व्यवस्था को खत्म नही किया है। हमने पूरानी व्यवस्थाओं के साथ किसान को एक और ऑपशन दिया है। हम चाहते है कि किसान एपीएमसी मार्किट जाना चाहे तो वहां जाए, डायरेक्ट सेल करना चाहे तो डायरेक्ट करें। प्राइवेट मंडी में, एक्सपोर्ट करना चाहे तो वह करें। उनके पास यह सारे ऑप्शन है। 

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