मुंबई: आपको याद होगा कि केरल में 26 लोगों की जान बचाने के लिए एक हेलीकॉप्टर को छत पर उतारने का साहसिक फैसला लिया गया था। यह काम कितना खतरनाक था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उस छत से 26 लोगों को बचाने वाले सीकिंग हेलीकॉप्टर के इस मिशन में जरा भी चूक हो जाती तो इसे टुकड़ों में बिखरने में महज 3 सैकंड लगते। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ और देश के जांबाज जवानों ने एक बार फिर से बेहद मुश्किल काम को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
8 मिनट तक मंडराता रहा हेलीकॉप्टर
इस रोमांचकारी बचाव अभियान का अनुभव साझा करते हुए पायलट ने कहा कि ‘रूफटॉप लो होवर इन ए लाइट ऑन व्हील्स’ (छत पर लैंडिंग का तकनीकी नाम) के बाद यानी छत के निकट पहुंचकर हेलीकॉप्टर करीब 8 मिनट तक मंडराता रहा और फिर अभियान को अंजाम देने के बाद उसने उड़ान भरी। लेफ्टिनेंट कमांडर अभिजीत गरुण ने कहा, ‘मुझे ‘लाइट ऑन व्हील्स’ के लिए फैसला करना पड़ा जहां हेलीकॉप्टर का पूरा वजन छत पर नहीं डाला जाता। क्योंकि ऐसा होने पर छत धंस सकती है।’
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
केरल के बाढ़ग्रस्त चालाकुडी कस्बे में शुक्रवार को नौसेना के सीकिंग 42 बी हेलीकॉप्टर के इस लोमहर्षक अभियान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और इसे हजारों ‘हिट’ मिले हैं। 4 लोगों को बचाने के बाद 22 अन्य लोगों को भी उठाना एक कठिन काम था और चालक दल के सदस्यों ने उक्त प्रक्रिया अपनाने का फैसला किया। जब पायलट से पूछा गया कि कोई भी चूक होने पर क्या होता, इस पर 33 वर्षीय पायलट ने कहा, ‘हेलीकॉप्टर को पूरी तरह चकनाचूर हो जाने में 3 से 4 सैकंड लगते।’
बेहद मुश्किल था फैसला
उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिए मुश्किल फैसला था। मुझे खुशी है कि हमने सही फैसला किया। यह पायलट के उचित फैसले का उत्कृष्ट उदाहरण है।’ बचाए गए लोगों में 80 साल के एक बुजुर्ग शामिल हैं जिन्हें कुछ सामान के साथ चालाकुडी से कोच्चि में नौसैनिक अड्डे आईएनएस गरुण पर पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि टीम वर्क और सदस्यों के बीच बेहतर तालमेल से यह अभियान संभव हो सका।
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