नयी दिल्ली: पुलिसकर्मियों को भले ही यह बात हजम न हो, लेकिन गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि तोंद वाले खाकी वर्दीधारियों को राष्ट्रपति के पुलिस पदक जैसे पुरस्कार देने पर विचार नहीं किया जा सकता। गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जिन लोगों पर कानून लागू करने की जिम्मेदारी है उन्हें उत्कृष्ट एवं विशिष्ट सेवाओं से जुड़े पदकों जैसे पुरस्कार के लिए अपने नामों पर विचार किये जाने के लिए शारीरिक रूप से फिट रहना होगा। उसने यह भी कहा कि जिन पुलिस अधिकारियों की स्वच्छ छवि नहीं है, उन्हें भी कोई पदक नहीं दिया जाएगा।
कल सभी राज्य सरकारों एवं केंद्रीय पुलिस संगठनों को जारी परिपत्र में मंत्रालय ने कहा कि पुलिसकर्मियों को शारीरिक रूप से फिट रहना चाहिए और राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए विचार किये जाने के लिए बिल्कुल शेप 1 श्रेणी में आना चाहिए। शेप 1 श्रेणी मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य, श्रवण, अंग-उपांग, शारीरिक क्षमता, नेत्रदृष्टि के संदर्भ में फिट होना चाहिए जिसका तात्पर्य है कि उन्हें किसी भी ड्यूटी के लिए तैनात किया जा सकता है। शारीरिक फिट का मतलब मोटापा नहीं होना और तोंद तो बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
शेप-2 सभी ड्यूटियों के लिए फिट है लेकिन ड्यूटी के प्रकार एवं नियुक्ति के क्षेत्र के हिसाब से उसकी कुछ सीमाएं हो सकती हैं जैसे उन ड्यूटी में भयंकर दबाव को झेलने की क्षमता या नेत्रदृष्टि में तीक्ष्णता आदि है या नहीं। मंत्रालय में संयुक्त सचिव कुमार आलोक ने कहा कि अपवादजनक स्थितियों में ही शेप-2 में छूट दी जा सकती है। मंत्रालय ने कहा कि विशिष्ट सेवा पुलिस पदक के लिए न्यूनतम 18 साल और उत्कृष्ट सेवा राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए 25 साल की सेवा पुलिस अधिकारियों के लिए जरुरी है चाहे उनका रैंक या सेवा कुछ भी हो।
राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस संगठनों को सलाह दी गयी है कि पात्र अधिकारियों की पुलिस पदक के लिए सिफारिश करते समय वरिष्ठता और पेशेवर को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। जिन अधिकारियों की स्वच्छ छवि नहीं है, उनकी सिफारिश सम्मान के लिए नहीं की जानी चाहिए। राष्ट्रपति पुलिस पदक हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर घोषित किये जाते हैं।