नई दिल्ली: अमेरिका की दिग्गज दवा निर्माता फाइजर ने भारत में उसकी कोविड-19 वैक्सीन को जल्द मंजूरी देने की मांग करते हुए भारतीय अधिकारियों से कहा है कि उसका टीका भारत में फैले कोरोना वैरियंट के खिलाफ काफी असरदार है और यह 12 वर्ष से अधिक आयु के बच्चो को भी लगाया जा सकता है। फाइजर ने कहा है कि भारत में फैले एसएआरएस-सीओवी-2 वेरियंट के खिलाफ और भारतीय लोगों पर उसका टीका काफी प्रभावी दिखा है। इस टीके को एक माह के लिये दो से आठ डिग्री तापमान में रखा जा सकता है। फाइजर जुलाई से अक्टूबर 2021 के बीच भारत को फाइजर वैक्सीन की पांच करोड़ खुराक देने के लिए तैयार है। लेकिन उसके लिए उसने नुकसान होने पर हर्जाना समेत कुछ अन्य छूट मांगी है।
फाइजर ने भारतीय अधिकारियों के साथ हाल ही में इस सप्ताह एक बैठक के दौरान विभिन्न देशों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा उसके टीके के प्रभावकारिता परीक्षणों और अनुमोदन के संबंध में ताजा आंकड़े भी प्रस्तुत किये। भारत के साथ बातचीत में शामिल फाइजर के एक उच्च सूत्र ने कहा, ‘‘भारत और विश्व में वर्तमान स्थिति सामान्य नहीं है। ऐसे में हमें इस स्थिति के दौरान किये जाने वाले काम को आमतौर पर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया की तरह नहीं लेना चाहिये।’’ एक अन्य सूत्र ने कहा कि भारत सरकार और फाइजर के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष अल्बर्ट बुर्ला के बीच हाल ही में बैठक में बाद दोनों पक्ष भारत में कोविड वैक्सीन के अनुमोदन में तेजी लाने के लिए तीन प्रमुख मुद्दों पर संयुक्त रूप से काम करने पर सहमत हुए हैं। जिसमे केन्द्र सरकार के जरिये टीके की खरीद, क्षतिपूति और देनदारी और मंजूरी बाद अध्ययन जुड़ाव को लेकर नियामकीय जरूरत इसमें शामिल है।
फाइजर ने सरकार को भेजे अपने ताजा संदेश में केन्द्र सरकार के जरिये टीका खरीद पर सहमत होने और क्षतिपूति और देनदारी सुरक्षा पर विचार करने पर सहमत होने को लेकर भारत सरकार का धन्यवाद किया है। फ़ाइज़र ने कहा है कि भारत सरकार को 44 देशों समेत डब्ल्यूएचओ से मिले अनुमोदन पर भरोसा करना चाहिए। उसने कहा कि सरकार को वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी देनी चाहिए और अनुमोदन के बाद की प्रतिबद्धता अध्ययन की मांग नहीं करनी चाहिए। वह हालांकि अपनाये जाने वाली प्रक्रिया को समझने के बाद पहले 100 टीकों की सुरक्षा निगरानी को तैयार है। उसने कहा है कि फाइजर वैक्सीन ने पिछले छह महीनों में महत्वपूर्ण विकास किया है जिसमें टीकाकरण स्थल पर वैक्सीन को एक महीने से अधिक तक रखने के लिए सुधार शामिल है। फाइजर ने कहा कि ताजा आंकड़े सार्स-कोविड-2 के कई वेरियंट के खिलाफ और भारतीयों में बीएनटी612बी2 दो-वैक्सीन के प्रभाव की पुष्टि दर्शाता है। इसके लिए उसने कई देशों में वैक्सीन के हुए परिक्षण के नतीजों का भी हवाला दिया।
उल्लेखनीय है कि भारत में मध्य जनवरी के दौरान टीकाकरण अभियान के शुरू होने से लेकर अब तक 20 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग गई है। हालांकि, इतनी बड़ी आबादी का टीकाकरण करने के लिए रास्ता अभी भी बहुत लंबा है। कई राज्यों में वैक्सीन की किल्लत हो गई है जिसके कारण कोरोना की दूसरी लहर के बीच टीकाकरण रुक गया है। भारत में फिलहाल देश में बन रही भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया की कोविशील्ड का टीका ही लगाया जा रहा है। रूस की स्पूतनिक वी को भी आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल गई है लेकिन उसकी फिलहाल उपलब्घता बड़े पैमाने पर नहीं है।