नई दिल्ली। प्रवासी मजदूरों के लिए अच्छी खबर है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) जैसी सरकारी तेल कंपनियों को प्रवासी मजदूरों के लिए 50000 मकान बनाने के लिए कहा है। इन मकानों में प्रवासी मजदूर मामूली किराया देकर रह सकेंगे। यह प्रवासी मजदूरों को कम किराए पर मकान दिलाने की सरकार का योजना का हिस्सा है।
मामले की जानकारी रखने वाले तीन अधिकारियों का कहना है कि पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि उसके अधीन जितनी भी सरकारी कंपनियां हैं, वे अपनी जमीन पर प्रवासी मजदूरों के लिए मकान बनाएं। इन कंपनियों में आईओसी के अलावा हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (BPCL), गेल इंडिया लिमिटेड और ओएनजीसी शामिल हैं।
मकान के लिए जगह की तलाश शुरू
इस मामले में हाल में एक बैठक हुई थी, जिसमें ये अधिकारी भी शामिल थे। अधिकारियों का कहना है कि, इस मामले में हाल ही में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। उन्होंने कंपनियों को आवासीय इकाइयों के लिए जल्द से जल्द योजना बनाने को कहा है। बता दें कि, मंत्रालय ने 5 अक्टूबर को इस मीटिंग के बारे में ट्वीट किया था। मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद कंपनियों ने अपने प्रतिष्ठानों के करीब ऐसे स्थानों की तलाश शुरू कर दी है, जहां प्रवासी मजदूरों के लिए मकान बनाए जा सकें।
कुछ कंपनियां सहमत नहीं
हालांकि कुछ कंपनियों के अधिकारियों को सरकार की इस योजना में कोई तुक नहीं दिख रही है। उनका कहना है कि रिफाइनरियों जैसी परिचालन इकाइयों के करीब खाली जमीन नहीं होती है और उन्हें नए मकान बनाने में परेशानी झेलनी पड़ती है। साथ ही पाइपलाइन जैसे प्रॉजेक्ट्स दूरदराज में स्थित होते हैं, जहां प्रवासी मजदूर किराए पर नहीं रहना चाहेंगे।
जुलाई में घोषित की थी स्कीम
सरकार ने बीते जुलाई में प्रवासी मजदूरों के लिए किराए के सस्ते घरों को विकसित करने के एक प्लान को मंजूरी दी थी। सरकार की स्कीम, 2022 तक सभी को घर उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी स्कीम का हिस्सा है। यह कदम लॉकडाउन में काम व रहने का ठिकाना न रहने के चलते लाखों श्रमिकों के अपने गांवों लौटने पर मजबूर होने के बाद उठाया गया।