नई दिल्ली: पति की दूसरी शादी के बाद ससुराल से अपने तीन नाबालिग बच्चों के साथ निकलने को मजबूर की गयी एक महिला ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और मुसलमानों में बहुविवाह तथा निकाह हलाला की प्रथा को असंवैधानिक करार देने की मांग की है। बहुविवाह प्रथा के तहत कोई मुस्लिम शख्स चार बीवियां रख सकता है , वहीं निकाल हलाला में तलाक के बाद अपने पति से दोबारा शादी करना चाह रही महिला को पहले किसी और शख्स से निकाह करना होगा और उससे संबंध बनाने के बाद फिर उससे तलाक लेना होगा।
नयी याचिका को महत्वपूर्ण माना जा रहा है जहां उच्चतम न्यायालय ने बहुविवाह और निकाह हलाला की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को 26 मार्च को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को भेजा था। रानी उर्फ शबनम ने वकील और भाजपा नेता अश्चिनी कुमार उपाध्याय के माध्यम से दाखिल याचिका में अपनी जिंदगी के घटनाक्रम का हवाला दिया और कहा कि उसने मुजम्मिल नामक शख्स से 8 फरवरी , 2010 को शरीयत के हिसाब से शादी की थी।
उसके दो बेटे और एक बेटी है। महिला ने बताया कि उसके माता - पिता ने शादी में सोने और चांदी के जेवर समेत करीब पांच लाख रुपये खर्च कर दिये। हालांकि बाद में ससुराल में उसे प्रताड़ित किया जाने लगा और पति की दूसरी शादी के बाद घर छोड़ने पर मजबूर किया गया। बाद में पड़ोसी मदद को आगे आये और महिला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में अपने ससुराल में बच्चों के साथ रह रही है।