श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज कहा कि उन्हें देश के संस्थानों पर भरोसा है और उन्होंने विश्वास जताया कि उच्चतम न्यायालय संविधान के अनुच्छेद 35ए को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर देगा। मुफ्ती ने स्पष्ट किया कि जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को यदि कोई खतरा हुआ तो सत्ता की लड़ाई या राजनीतिक विचाराधाराएं बाधक नहीं बनेंगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की पिता तुल्य सलाह का पालन किया है।
उन्होंने कहा हमें देश के हरेक संस्थान पर पूरा विश्वास है। हमने हमें 1947 में वापस ले जाने वाले कुछ लोगों के कई प्रयासों को देखा है। वे एक मुद्दे या अन्य पर उच्चतम न्यायालय गये। लेकिन हमें हमारे उच्चतम न्यायालय पर भरोसा है जिसने पहले भी जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज किया हैं।
मुफ्ती ने यहां बख्शी स्टेडियम में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा मुझे पूरा विश्वास है कि उच्चतम न्यायालय मौजूदा याचिका को खारिज कर देगा। वर्ष 1954 में राष्ट्रपति के आदेश से संविधान में शामिल अनुच्छेद 35ए राज्य विधायिका को स्थायी निवासियों को परिभाषित करने और उन्हें विशेष अधिकार देने की शक्ति देता है।
उच्चतम न्यायालय में दायर एक याचिका में इसके कुछ प्रावधानों को चुनौती दी गयी है जिसमे उच्चतम न्यायालय ने कहा कि एक संविधान पीठ ही इस बात की पड़ताल कर सकती है कि क्या अनुच्छेद 35ए लैंगिक भेदभावपूर्ण है और यह आधारभूत ढांचे का उल्लंघन करती है।
मुफ्ती ने कहा जम्मू कश्मीर के लोगों ने शेख अब्दुल्ला का समर्थन किया था और भारत में सम्मिलित होने का निर्णय लिया क्योंकि राज्य और देश में कई समानताएं थी। उन्होंने कहा उस समय संसद ने महसूस किया कि जम्मू कश्मीर अन्य राज्यों से अलग है। उसकी भिन्न पहचान है और यह निर्णय लिया गया कि जम्मू कश्मीर को देश के संविधान में एक विशेष स्थान दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई दिल्ली के साथ-साथ श्रीनगर से भी गलतियां हुई। उन्होंने कहा मैं नहीं जानती कि उसके बाद क्या हुआ,गलतफहमियां क्यों बढ गयी। दोस्त बनने के बजाय हम दुश्मन बन गये। यहां के साथ-साथ दिल्ली में भी कुछ गलतियां हुई। इसका परिणाम यह हुआ कि हम पिछले 30 वर्षों से हिंसा की गिरफ्त में है। मुफ्ती ने कहा कि देश के बहुत लोगों का मानना है कि जम्मू कश्मीर भारत का ताज है। इसमे कोई शक नहीं है और यह धारणा इसी तरह बनी रहनी चाहिए।