नई दिल्ली। कोरोना संकट के दौरान देश की सर्वोच्च अदालतों में बीते 8 महीनों से ऑनलाइन सुनवाई हो रही है। लेकिन इस ऑनलाइन व्यवस्था में कई बार कई शर्मिंदा करने वाली घटनाएं भी हो जाती हैं। ऐसा ही वाकेया मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई के दौरान सामने आया। यहां वीडियो-कान्फ्रेंस लिंक पर एक व्यक्ति के कमीज पहने बिना नजर आया। इस घटना पर कोर्ट ने नाराजगी जताई।
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न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा, ‘वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए सुनवाई करते हुए सात से आठ महीने हो जाने के बावजूद इस प्रकार की चीजें हो रही हैं।’ सुनवाई के दौरान स्क्रीन पर एक व्यक्ति के कमीज के बिना नजर आने पर पीठ ने कहा, ‘यह सही नहीं है.’
बता दें कि न्यायालय में वीडियो-कान्फ्रेंस के जरिए सुनवाई के दौरान इस प्रकार की अप्रिय घटना पहली बार नहीं हुई है। इसी प्रकार की घटना 26 अक्टूबर को हुई थी, जब न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के सामने एक वकील बिना कमीज पहने दिखाई दिया था। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा था, ‘मुझे किसी पर सख्ती बरतना अच्छा नहीं लगता, लेकिन आप स्क्रीन पर हैं। आपको ध्यान रखना चाहिए.’
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न्यायालय में जून में डिजिटल सुनवाई के दौरान एक वकील बिस्तर पर लेटे हुए और टी-शर्ट पहनकर पेश हुआ, जिस पर न्यायाधीश ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि सुनवाई की जन प्रकृति को ध्यान में रखते हुए ‘अदालत के न्यूनतम शिष्टाचार’ का पालन किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई के दौरान वकीलों को अनुचित तरीके से स्क्रीन पर नहीं आना चाहिए उन्हें प्रेजेंटेबल (presentable) दिखना चाहिए।