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अंतरिक्ष में NASA की ऐतिहासिक छलांग, मंगल की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा 'पर्सविरन्स' रोवर

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने एक बार फिर से इतिहास रच दिया है। NASA का पर्सविरन्स रोवर धरती से टेकऑफ करने के 7 महीने बाद कल आधी रात को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर लैंड हो गया।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : February 19, 2021 9:09 IST
अंतरिक्ष में NASA की...
Image Source : TWEETED BY @NASAPERSEVERE अंतरिक्ष में NASA की ऐतिहासिक छलांग, मंगल की सतह पर सफलतापूर्वक उतरा 'पर्सविरन्स' रोवर

नई दिल्ली: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने एक बार फिर से इतिहास रच दिया है। NASA का पर्सविरन्स रोवर धरती से टेकऑफ करने के 7 महीने बाद कल आधी रात को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर लैंड हो गया। भारतीय समय के अनुसार रात 2 बजकर 25 मिनट पर इस मार्स रोवर ने लाल ग्रह की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड किया। रोवर की मंगल की सहत पर उतरते ही नासा की कैलिफोर्निया स्थित लेबोरेटरी में प्रोजेक्ट पर काम रहे लोग खुशी से उछल पड़े।

नासा के इस ऐतिहासिक मिशन को लीड करने वालों में भारतीय मूल की साइंटिस्ट डॉक्टर स्वाति मोहन भी शामिल हैं। स्वाति मोहन ने ही रोवर के लैंडिंग सिस्टम को डेवलप किया है। जिस समय रोवर मंगल की सतह को छू रहा था तब डॉक्टर स्वाति मोहन नासा की प्रोजेक्ट टीम के साथ को-ऑर्डिनेट कर रहीं थीं। मंगल की सतह पर पहुंचते ही रोवर ने वहां की तस्वीरें भेजना शुरू कर दिया है।

लैंडिग के आखिरी सात मिनट बेहद अहम रहे क्योंकि ये लैंडिग के लिए सबसे तनावपूर्ण पल होते हैं। इस दौरान रोवर का टेंपरेचर 1300 डिग्री सेंटीग्रेट तक पहुंच गया था इसके अलावा जहां इसे लैंड करवाया गया वो जगह इतनी उबड़ खाबड़ है कि अगर ये किसी चट्टान से टकराता तो चकनाचूर हो सकता था लेकिन सब कुछ वैसे ही हुआ जैसे प्लान किया गया था। 6 पहिए वाला यह रोवर मंगल की सतह पर जीवन की संभावनाओं की तलाश करेगा।

अभी तक वैज्ञानिकों का ये मानना रहा है कि अगर कभी मंगल ग्रह पर जीवन रहा भी था तो वह तीन से चार अरब साल पहले रहा होगा, जब ग्रह पर पानी बहता था। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि रोवर के ज़रिए मंगल ग्रह के कई रहस्यों से पर्दा हटेगा। पर्सविरन्स नासा का भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा रोवर है। 1970 के दशक के बाद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का यह नौवां मंगल अभियान है। रोवर में 23 कैमरे लगे हैं जो वीडियो और आवाज रिकॉर्ड करेंगे। इसके लिए इसमें दो माइक्रोफोन लगे हैं। रोवर के साथ एक हेलीकॉप्टर भी गया है। ये पहला मौका है जब किसी दूसरे ग्रह पर हेलीकॉप्टर भेजा गया है।

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