नई दिल्ली: लोकसभा में गुरुवार को बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक 2017 पारित कर दिया गया। इस दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बैंक का कर्ज नहीं चुकाने वाले तथा उस पैसे से मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों के खिलाफ आपराधिक और वसूली की कार्रवाई की जाएगी और कोई भी कर्ज नहीं चुकाने में समानता का दावा नहीं कर सकेगा। लोकसभा में विधेयक पर बहस के दौरान जेटली ने कहा कि कर्ज नहीं चुकाने वाली कंपनी यह दावा नहीं कर सकेगी कि सारी कंपनियों के साथ एक जैसी कार्रवाई की जाए। या फिर सिर्फ उसे निशाना क्यों बनाया गया और दूसरों को छोड़ दिया गया।
उन्होंने कहा, "प्रणाली की क्षमता सीमित है और मैं आश्वस्त हूं कि वे ज्यादा से ज्यादा मामलों पर कार्रवाई करेंगे।" उन्होंने कहा कि जिन्होंने कर्ज लेकर धनशोधन किया है, सरकार उन पर कार्रवाई करेगी। जेटली ने कहा, "एनपीए के बहुत सारे मामले धोखाधड़ी के हैं। यह सामान्य एनपीए नहीं है। उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी और ऐसे खातों से वसूली की जाएगी।"मंत्री के जवाब के बाद सदन में विधेयक पारित कर दिया गया। इससे पहले कांग्रेस के एक सदस्य द्वारा अध्यादेश के खिलाफ सांविधानिक संकल्प लाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया।