गुवाहाटी: असम सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों जिन्होंने व्यक्तिगत वाहन और बसों से घर जाने के लिए आवेदन किया है उनकी आवाजाही की मियाद 30 अप्रैल तक बढ़ा दी है। असम के स्वास्थ्य एवं वित्तमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने रविवार को यह जानकारी दी। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश के अनुसार राज्य सरकार ने निजी वाहनों और असम राज्य परिवहन निगम (एएसटीसी) की बसों से 25 अप्रैल से अगले तीन दिनों तक राज्य में विभिन्न जगहों पर फंसे लोगों को घर के लिए एक तरफ की यात्रा करने की अनुमति दी थी।
सरमा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विभिन्न जिलों के उपायुक्तों ने 34 हजार आवेदनों को अस्वीकार किया है क्योंकि लोग अपने वाहनों से दूसरे जिले में फंसे परिवार के सदस्यों को जाकर लाना चाहते थे। उन्होंने कहा, यह फैसला किया गया है कि 28 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच एक बार जाने और आने की अनुमति दी जाए और ऐसे लोगों को इसके लिए पास जारी किया जाएगा। सरमा ने बताया कि 26,950 लोग अपने-अपने वाहनों से घर पहुंच चुके हैं। बाकी 11,588 लोग सोमवार तक अपने घर पहुंच जाएंगे जबकि शेष बचे 34,000 लोग 28 अप्रैल से अगले तीन दिन तक अपने-अपने घर जाएंगे।
सरमा ने कहा कि 30 अप्रैल तक राज्य में फंसे लोगों को उनके गंतव्यों तक पहुंचा दिया जाएगा ताकि इसके बाद अगर लॉकडाउन खुलता है तो राज्य के बाहर से आने वाले लोगों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। इस बीच, राजस्थान के कोटा में फंसे असम के 391 छात्रों को लेने के लिए 17 बसें भेजी गई थीं वे पश्चिम बंगाल पहुंच चुकी है और रविवार रात को गुवाहाटी पहुंचने की उम्मीद है। मंत्री ने कहा कि अनिवार्य पृथकवास के तहत छात्रों को सुरुसाजाई पृथवास केंद्र में और छात्रों को तीन छात्रावासों में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि पांचवे दिन उनके बलगम के नमूने लिए जाएंगे और बाद में डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें घर जाने की अनुमति देने पर विचार किया जाएगा।