नई दिल्ली: भारी बारिश के चलते बाढ़ से तबाह केरल की मदद के लिए हर ओर से हाथ उठ रहे हैं। बाढ़ से प्रभावित लोगों के दुख से द्रवित देश के विभिन्न राज्य और संगठन मदद भेज रहे हैं। सेना के तीनों अंग और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल जैसी राहत एवं बचाव एजेंसियों के लोग विकट संकट में फंसे लोगों के लिए देवदूत बनकर उभरे हैं। बड़े ही नहीं, बल्कि बच्चे भी केरल की मदद के लिए आगे आए हैं। तमिलनाडु की 9 वर्षीय एक बच्ची ने साइकिल खरीदने के लिए चार साल तक जमा की गई अपनी राशि केरल में राहत कार्यों के लिए दान कर दी है। उसके इस काम से प्रभावित होकर साइकिल बनाने वाली कंपनी हीरो साइकिल्स ने अब बच्ची को उसके सपनों की साइकिल तोहफे में देने का वादा किया है।
राज्य के विल्लुपुरम क्षेत्र की अनुप्रिया ने टीवी पर केरल की तबाही देखने के बाद चार साल तक जमा की गई 9,000 रुपये की अपनी बचत को दान करने का फैसला किया। उसने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैंने साइकिल खरीदने के लिए पिछले चार साल में पैसे (करीब 9,000 रुपये) जमा किए थे। लेकिन मैंने टीवी पर केरल की बाढ़ के दृश्य देखे और राशि दान करने का फैसला किया।”
हीरो साइकिल्स ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर “मानवता के उसके भाव’ की प्रशंसा की और कहा कि उसे उनकी तरफ से एकदम नई साइकिल मिलेगी। हीरो मोटर्स कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक पंकज एम मुंजाल ने अनुप्रिया को एक “नेक इंसान” बताया और उसे हर साल एक नई साइकिल देने का आश्वासन दिया। केरल से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कंपनी के रवैये का स्वागत किया।
वहीं, असम सरकार ने केरल के लिए तीन करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की है। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एक बयान में कहा कि उनके राज्य की जनता केरल में आई विनाशकारी बाढ़ से बेहद आहत है। उन्होंने कहा, ‘‘हम लोग केरल में बाढ़ से हो रही पीड़ा को अच्छे से महसूस कर सकते हैं क्योंकि असम भी हर साल इस तरह की आपदा का सामना करता है।’’ यहां जारी बयान के अनुसार प्रलयकारी बाढ़ को देखते हुए मुख्यमंत्री ने केरल के लिये तीन करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
वहीं, कोचीन पोर्ट ट्रस्ट के एक अधिकारी ने बताया कि नौसेना का जहाज आईएनएस दीपक 800 टन शुद्ध पानी और करीब 18 टन खाद्य सामग्री लेकर लेकर मुंबई से बंदरगाह पहुंचा। उन्होंने बताया कि शुद्ध पानी को दो नौकाओं के जरिये प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाया जा रहा है। ट्रकों से खाद्य एवं अन्य सामग्री वितरित की जा रही है। अधिकारी ने बताया कि जहाजरानी मंत्रालय की पहल के अंतर्गत, जहाजरानी समुदाय की ओर से राहत सामग्री भेजी गई जिसे लेकर एक पोत वल्लारपदम पहुंचा। मुंबई से बीपीसीएल (भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड) द्वारा भेजे गए 50000 एमटी तेल को लेकर एक जहाज कोचीन बंदरगाह पहुंचा।
पिछले कुछ दिनों में हुई लगातार बारिश ने पूरे केरल को तहस-नहस करके रख दिया है, जिसके कारण वहां का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। व्यापक क्षेत्र के जलमग्न हो जाने के कारण सड़कों का पता ही नहीं चल पा रहा है। खाने-पीने की चीजों समेत पीने योग्य पानी की कमी से समस्या काफी विकराल हो गई है। कई पेट्रोल पंपों पर ईंधन खत्म होने की सूचना मिली है। कोच्चि पोर्ट ट्रस्ट ने कुनामावू और वाइपीन के लोगों के लिए विलिंगडन द्वीप पर स्थित सर रॉबर्ट ब्रिस्टो मेमोरियल स्कूल में एक राहत शिविर स्थापित किया है। पोर्ट ट्रस्ट अस्पताल के डॉक्टर वहां के लोगों की जांच कर उन्हें दवाइयां दे रहे हैं। राहत शिविर में बंदरगाह के कर्मचारी और उनके परिजन, सीमा-शुल्क अधिकारी और सीआईएसएफ के जवान लोगों की मदद कर रहे हैं।
अधिकारी ने बताया कि जहाजरानी मंत्रालय के अंतर्गत सभी प्रमुख बंदरगाहों से लायी गई राहत सामग्री को तमिलनाडु के तूतीकोरिन बंदरगाह पर संग्रहित किया जा रहा है। इसे बाद में कोचीन बंदरगाह ले जाये जाने की संभावना है। कोचीन पोर्ट ट्रस्ट ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 62 लाख रुपये देने का फैसला किया है। वहीं, महाराष्ट्र से करीब 100 डॉक्टर और पैरामेडिकल कर्मियों की एक टीम बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिये आज केरल रवाना हुई। ये डॉक्टर भारतीय वायुसेना के दो विमानों में सवार होकर तिरुवनंतपुरम के लिए रवाना हुए। दक्षिणी राज्य में राहत प्रयासों पर स्वयं निगरानी रखने के लिए महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन भी केरल के लिए रवाना हुए। इस मेडिकल टीम में मुंबई स्थित जे जे अस्पताल के डीन डॉ. मुकुंद तायड़े सहित 55 डॉक्टर, पुणे में सासून अस्पताल से 26 डॉक्टर, 14 पैरामेडिकल कर्मचारी और मंत्रालय के कुछ सदस्य शामिल हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने इससे पहले केरल के लिए 20 करोड़ रुपये की सहायता देने का संकल्प जताया था। पश्चिमी राज्य केरल के लिए 30 टन तैयार भोजन के पैकेट, दूध पाउडर, रजाइयां, चादरें, कपड़े, साबुन और सैनिटरी नैपकिन भी भेज चुका है। ओडिशा के आईएएस अधिकारियों के संगठन ने बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता के लिए अपने सदस्यों का कम से कम एक दिन का वेतन केरल मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का निर्णय किया है। संगठन के सचिव शिशाल देव ने कहा कि संकट की इस घड़ी में संगठन केरल के लोगों के साथ खड़ा है।
वहीं, ओडिशा आईपीएस अधिकारियों के संगठन के सचिव सत्यजीत मोहंती ने कहा कि उनका संगठन अपने सदस्यों का एक दिन का वेतन दान में देगा। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने केरल को 10 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और आठ करोड़ रुपये मूल्य की पॉलीथिन शीट्स देने की घोषणा की है। अरुणाचल प्रदेश सरकार ने केरल में बाढ़ की भारी विपदा की स्थिति में मदद के लिए राज्य मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में तीन करोड़ रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्विटर पर लिखा कि मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने मुख्यमंत्री राहत कोष से केरल में मदद के लिए तीन करोड़ रुपये देने की घोषणा की है और इस कठिन समय में राज्य की जनता के साथ एकजुटता प्रदर्शित की है।
खांडू ने ट्वीट किया कि अरुणाचल प्रदेश और केरल की जनता के बीच लंबे समय से बहुत मजबूत संबंध हैं। इस संकट की घड़ी में हम केरल में बाढ़ से पीड़ित सभी परिवारों के साथ हैं। पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में केरल के लोगों से जुड़े संगठन अपने राज्य में मदद पहुंचाने के लिए राहत सामग्री एकत्र कर रहे हैं। देशभर में बड़े पैमाने पर स्कूल-कॉलेज भी केरल के लोगों की मदद के लिए राशि एकत्र कर रहे हैं। शिक्षक और छात्र आपस में मिलकर यह कार्य कर रहे हैं। राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों ने भी केरल की मदद के लिए अपना एक दिन का वेतन देने का फैसला किया है। राज्य की आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन भी राहत फंड में योगदान देगी।
विधानसभा सचिवालय के सचिव दिनेश कुमार जैन ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल की अपील पर राजस्थान विधानसभा सचिवालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने केरल के लोगों की मदद के लिए एक दिन का वेतन देने की घोषणा की है। राजस्थान के मुख्य सचिव डी बी गुप्ता ने कहा, ‘‘आई ए एस अधिकारी केरल के प्रभावित लोगों के साथ हैं और उनकी मदद के लिए एक दिन का वेतन देंगे।’’ इस बीच, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ने राहत सामग्री से भरे दो ट्रक केरल भेजे हैं जिन्हें प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट ने हरी झंडी दिखाई।
भाजपा की जम्मू कश्मीर प्रदेश इकाई बाढ़ प्रभावित केरल की मदद के लिए अपने कार्यकर्ता और राहत सामग्री भेजेगी। इस बीच, सेना, नौसेना और वायुसेना के कर्मियों के राहत एवं बचाव अभियान से लोग खुश होकर उनका आभार व्यक्त कर रहे हैं। कोच्चि के पास परवूर में दो मंजिला एक मकान की छत पर बड़े शब्दों में ‘थैंक्स’ लिखा है जो हेलीकॉप्टर से दिखाई देता है।