नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडू ने मंगलवार को निर्भया मामले में फैसला जल्द से जल्द लागू करने का आह्वान करते हुए कहा कि न्याय में देरी के कारण लोग बेचैन हो रहे हैं। नायडू ने कहा, "लोगों (दोषियों) को हर उपलब्ध कानूनी अवसर दिया गया है। उन सभी मार्गो और अवसरों के खत्म होने के बाद किसी बहाने से या चीजों को टालने से लोग अशांत हो रहे हैं।"
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह द्वारा निर्भया कांड के दोषियों को फांसी देने में देरी का मुद्दा उठाए जाने के बाद राज्यसभा के सभापति ने यह टिप्पणी की। संसद के ऊपरी सदन में शून्यकाल के दौरान आप सांसद संजय ने कहा कि क्रूरतम अपराध के दोषियों को जीने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने सदन के सभापति से न्याय सुनिश्चित कराने के लिए मामले में हस्तक्षेप की मांग की।
उन्होंने कहा, "मैं सभापति से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करता हूं। मैं आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि आप भारत के राष्ट्रपति से मिलें, जिससे अपराधियों को जल्द से जल्द फांसी सुनिश्चित की जाए।" आप नेता ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मामले में फैसला और सजा सुनाए जाने के बाद भी फांसी के लिए तारीख पर तारीख दी जा रही है।
ऊपरी सदन मंगलवार को फिर से विपक्षी कांग्रेस और तृणमूल के सदस्यों द्वारा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने से व्यवधान बना रहा। वे अपनी जगह पर खड़े हो गए और उनमें से कुछ सदन के बीच में आ गए और नारे लगाने लगे 'गोली मारना बंद करो' और 'मोदी तेरी हिटलरशाही, नहीं चलेगी।'
सदस्यों के शोरगुल और नारेबाजी के बीच, सदन में शून्यकाल जारी रहा जिसमें सदस्यों ने राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को उठाया। माकपा नेता बिनॉय विश्वम सहित कुछ सदस्यों ने कोरोनोवायरस का मुद्दा उठाया और इसके प्रकोप को रोकने के लिए कार्य योजना बनाने की जरूरत पर जोर दिया।