नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि जब तक भ्रष्टाचार रहेगा, भारत की वांछित तरक्की नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने के लिए लोगों को अपनी आदत बदलनी होगी। सिंह ने कहा, "जब तक भ्रष्टाचार रहेगा, हम जिस तरीके से तरक्की चाहते हैं उस तरीके से तरक्की नहीं कर सकते हैं और विकास के लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकते हैं। जब भ्रष्टाचार बढ़ता है तो आय की असमानता बढ़ती है और उससे सामाजिक तनाव पैदा होता है।" राजनाथ बिबेक देबरॉय और किशोर अरुण देसाई द्वारा संपादित पुस्तक 'ऑन द ट्रेल ऑफ द ब्लैक' के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, "भ्रष्टाचार को कम करने के लिए हम ज्यादा से ज्यादा संभव प्रक्रियात्मक सुधार और बदलाव लाएंगे। लेकिन महज प्रक्रियात्मक परिवर्तन से भ्रष्टाचार नहीं रुकेगा। भ्रष्टाचार को प्रक्रियाओं में परिवर्तन के साथ-साथ आदत बदलने से रोका जा सकता है। हम उसे कैसे बदल सकते हैं? शिक्षा प्रणाली से उसमें बदलाव आ सकता है। किसी आदर्श व्यक्तित्व को प्रेरणा पुरुष के रूप में अपनाकर भी आदत में बदलाव लाया जा सकता है।" विभिन्न स्तरों पर भ्रष्टाचार रोकने के लिए सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना शुरू की है।
पुस्तक विमोचन के मौके पर मौजूद नीति आयोग के सीईओ अभिताभ कांत ने बताया कि डीबीटी प्रणाली से सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ का सीधा लाभार्थियों के खाते में हस्तांतरण से सरकार को 65,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। कांत ने कहा, "सरकार की सभी योजनाओं को डीबीटी से जोड़ देना चाहिए, अन्यथा भ्रष्टाचार को समाप्त नहीं किया जा सकता है। वर्तमान में करीब 300 योजनाओं में डीबीटी को अमल में लाया गया है। जिससे तकरीबन 41 करोड़ लोग लाभान्वित हुए हैं।"