नई दिल्ली: देश में कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बाद भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर से भारी तादाद में प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार के लिए पलायन करते दिख रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह कि जरूरी सामान की सप्लाई करने वाले ट्रकों में अब प्रवासी मजदूर पलायन कर रहे हैं, और ट्रक ड्राइवर अवैध रूप से प्रति व्यक्ति 1,000 से 10,000 रुपये तक वसूल रहे हैं। रोजमर्रा की जरूरत के सामानों को ढोने वाले ट्रकों को लॉकडाउन के दौरान आने जाने की छूट मिली हुई है। ट्रक ड्राइवर इसी बात का फायदा उठाकर पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को वाहन में छिपा कर अवैध रूप से पलायन करा रहे हैं।
संयुक्त आयुक्त (दक्षिणी रेंज) डी.सी. श्रीवास्तव ने बताया, "एक हफ्ते में कोटला मुबारकपुर में इस तरीके के दो मामले सामने आए हैं, जिसमें पहले मामले में ट्रक ड्राइवर प्रवासी मजदूरों को बिहार ले जा रहे थे और ड्राइवर ने उनसे 2,000 रुपये प्रति व्यक्ति लिए थे। दूसरे मामले में 25 प्रवासी मजदूरों से 1,000 रुपये व्यक्ति लिए गए थे और इनको मध्य प्रदेश के छतरपुर ले जाया जा रहा था।"
संयुक्त आयुक्त ने आगे कहा कि ये ट्रक ड्राइवर दिल्ली में माल की सप्लाई लेकर आए थे, और उसके बाद वे खाली ट्रक में दिल्ली में तीन-चार जगह से लोगों को लेकर जा रहे थे। उन्होंने कहा, "हमने निर्देश साफ कर दिए हैं कि जरूरत की चीजों के ट्रकों को आने दिया जाएगा, लेकिन जहां पर हमारे चेकिंग पॉइंट बने हुए हैं, वहां पर पूरी जांच की जाएगी और हमारे पास इस तरीके के चार-पांच मामले सामने आ चुके हैं।"
संयुक्त आयुक्त ने कहा, "हमने इन ट्रकों के ड्राइवर और हेल्पर पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया है और यह जांच का विषय है कि ड्राइवर ही ऐसा काम कर रहे हैं या ट्रांसपोर्ट कंपनियां भी इसमें शामिल हैं। हम इस मामले में ट्रांसपोर्ट मालिकों की भूमिका की भी जांच करेंगे। जिन मजदूरों को पुलिस ने इन ट्रकों से पकड़ा था, उनको शेल्टर होम भेज दिया गया है।"
उल्लेखनीय है कि दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर अपने घर जाने के लिए तरह-तरह के तरीके निकाल रहे हैं। इसी क्रम में हरियाणा से उप्र जाने के लिए लोग नदी का सहारा भी ले रहे हैं।