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मध्य प्रदेश: भोपाल में चपरासी ने किया 500 करोड़ की जमीन का फर्जी पट्टा, उम्रकैद

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक चपरासी ने साजिश रचकर लगभग 500 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन का फर्जी पट्टा कर दिया।

Reported by: IANS
Published : March 02, 2020 7:36 IST
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Peon gets life imprisonment for Rs 500 crore land forgery in Bhopal | Pixabay

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक चपरासी ने साजिश रचकर लगभग 500 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन का फर्जी पट्टा कर दिया। इस मामले में कोर्ट ने सेवानिवृत्त चपरासी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजधानी के पॉश इलाके एमपी नगर की जमीन को जिलाधिकारी कार्यालय में पदस्थ चपरासी बाबूलाल जो अब सेवानिवृत्त हो चुका है, उसने फर्जी तरीके से झुग्गी में रहने वाली महिला के नाम पर पट्टा करा दिया। इस मामले की EOW ने जांच की और यह मामला विशेष न्यायाधीश संजीव पांडेय की अदालत में पहुंचा।

वकील और महिला कर्मचारी को भी सजा

सूत्रों के अनुसार, शनिवार को जज ने बाबूलाल को उम्रकैद की सजा सुनाई, वहीं अन्य साथियों को, जिनमें अधिवक्ता व महिला कर्मचारी व झुग्गी में रहने वाले भी शामिल हैं, उनको सजा सुनाई। आरोपियों पर एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। इस मामले के 11 आरोपियों में से 10 को सजा सुनाई गई है। EOW के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बाबूलाल जिलाधिकारी कार्यालय में पदस्थ था। उसने 2003 से 2007 के बीच अन्य आरोपितों के साथ मिलकर एमपी नगर जोन-एक में गायत्री मंदिर के पास स्थित सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से पट्टे पर झुग्गी सावित्री बाई के नाम पर कर दी थी। 

फर्जी वसीयत के सहारे हुआ था खेल
बाबूलाल ने जमीन का कुछ हिस्सा जहांगीराबाद में रहने वाली माया बिसारिया, अल्पना बिसारिया, अमिता बिसारिया और प्रीति बिसारिया के नाम कर दिया था। इस मामले की EOW ने जांच कर वर्ष 2008 में कोर्ट में चालान पेश किया था। उसी मामले की सुनवाई करते हुए शनिवार को स्पेशल जज ने सजा सुनाई। सरकारी दस्तावेजों में यह जमीन म्युनिसिपल बोर्ड के नाम पर दर्ज थी, लेकिन बाबूलाल ने इसे फर्जी तरीके से मेंगूलाल के नाम पर दर्ज कर दिया था। मेंगूलाल को सावित्री बाई ने अपना दादा बताते हुए उनकी फर्जी वसीयत पेश कर दी थी। इसके बाद से सावित्री जमीन पर काबिज हो गई थी। इसी तरह बिसारिया परिवार के नाम पर भी यह जमीन दर्ज की गई थी।

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