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पैगसस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 5 अगस्त को करेगा सुनवाई

याचिका में कहा गया है कि यदि सरकार या उसकी किसी भी एजेंसी ने पैगसस स्पाइवेयर का लाइसेंस लिया, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से इसका इस्तेमाल किया और यदि किसी भी तरह की निगरानी रखी गई है तो केंद्र को इस बारे में खुलासा करने का निर्देश दिया जाए। 

Written by: Bhasha
Published on: August 01, 2021 13:43 IST
Pegasus issue Supreme Court hearing on 5 August पैगसस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 5 अगस्त को करेगा सुनवाई- India TV Hindi
Image Source : ANI (FILE) पैगसस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 5 अगस्त को करेगा सुनवाई

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट पैगसस मामले की मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा स्वतंत्र जांच कराने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर पांच अगस्त को सुनवाई करेगा। इसमें वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार की याचिका भी शामिल है। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ पांच अगस्त को तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करेगी, जिसमें सरकारी एजेंसियों द्वारा विशिष्ट नागरिकों, नेताओं और पत्रकारों की इजराइली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए कथित जासूसी की खबरों के संबंध में जांच कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

शीर्ष अदालत ने 30 जुलाई को कहा था कि वह इस मामले में राम और कुमार की याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगी। पत्रकारों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पिछले हफ्ते अदालत से कहा था कि याचिका के व्यापक असर को देखते हुए इस पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है। याचिका में कहा गया है कि कथित जासूसी भारत में विरोध की स्वतंत्र अभिव्यक्ति को दबाने और हतोत्साहित करने के एजेंसियों एवं संगठनों के प्रयास की बानगी है।

याचिका में कहा गया है कि यदि सरकार या उसकी किसी भी एजेंसी ने पैगसस स्पाइवेयर का लाइसेंस लिया, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से इसका इस्तेमाल किया और यदि किसी भी तरह की निगरानी रखी गई है तो केंद्र को इस बारे में खुलासा करने का निर्देश दिया जाए। याचिका में कहा गया कि यह मुद्दा नागरिकों की स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाला है और विपक्षी नेताओं, पत्रकारों यहां तक की अदालत कर्मियों को भी निगरानी में रखा गया। राम और कुमार द्वारा दाखिल याचिका के अलावा, इस मुद्दे पर दो अलग-अलग याचिकाएं अधिवक्ता एमएल शर्मा और जॉन ब्रिटास द्वारा शीर्ष अदालत में दायर की गई हैं। शर्मा ने अपनी याचिका में कथित जासूसी की खबरों के संबंध में विशेष जांच दल (एसआईटी) से अदालत की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध किया है।

गौरतलब है कि एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबरों को इजराइल के पेगासस स्पाइवेयर के जरिए निगरानी के लिए संभावित लक्ष्यों की सूची में रखा गया। दोनों पत्रकारों द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया, ‘‘सैन्य-ग्रेड स्पाइवेयर के जरिए निगरानी करना निजता के अधिकार का उल्लंघन है जिसे उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 14 (कानून के समक्ष समानता), अनुच्छेद 19 (वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 21 (जीवन की सुरक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) के तहत मौलिक अधिकार माना गया है।’’ 

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