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कश्मीर पटनीटॉप में जमीन अतिक्रमण: सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर में 11 स्थानों पर छापेमारी की

सीबीआई ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में 11 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें पटनीटॉप विकास प्राधिकरण के कुछ पूर्व सीईओ के आवासीय परिसर भी शामिल हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 04, 2020 17:48 IST
Patnitop land grab case: CBI searches at 11 locations in Jammu Kashmir- India TV Hindi
Image Source : FILE Patnitop land grab case: CBI searches at 11 locations in Jammu Kashmir

नयी दिल्ली: सीबीआई ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में 11 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें पटनीटॉप विकास प्राधिकरण के कुछ पूर्व सीईओ के आवासीय परिसर भी शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि उधमपुर जिले के पर्यटन केंद्र में कथित भूमि अतिक्रमण और अवैध निर्माण के सिलसिले में ये छापेमारी हुई है। उन्होंने बताया कि जम्मू, उधमपुर और कठुआ जिलों सहित 11 स्थानों पर नौकरशाहों के आधिकारिक एवं आवासीय परिसरों पर छापेमारी की गई। उन्होंने बताया कि पटनीटॉप विकास प्राधिकरण के कुछ पूर्व सीईओ-- के.के.गुप्ता, एम.ए.मलिक और एस.एम.साहनी के परिसरों पर भी छापेमारी हुई है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के निर्देशों पर प्रारंभिक जांच की थी, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पिछले साल अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से आई हिंसा में कमी

जम्मू कश्मीर से पिछले साल अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पथराव की घटनाओं में कमी और अलगाववादी नेताओं की लगातार धरपकड़ केंद्रशासित प्रदेश में हिंसा में लगातार कमी आने के प्रमुख कारक हैं। अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि पिछले साल संवैधानिक बदलाव किए जाने के बाद से एकत्र आंकड़ों के तुलनात्मक विश्लेषण से पता चलता है कि जो अलगाववादी नेता कश्मीर में हड़ताल का आह्वान किया करते थे, वे शासन के कठोर कदमों से हताश हैं क्योंकि सरकार ने अलगाववादियों के बैंक खातों को सील करने और आतंकवाद के लिए मिलने वाले पैसे से अर्जित उनकी संपत्तियों को कुर्क करने जैसे कदम उठाए हैं।

केंद्र ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को प्रदत्त विशेष प्रावधान को पिछले साल पांच अगस्त को खत्म कर दिया था और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया था। पिछले एक साल में अलगाववादी समूहों ने नामामत्र को ही किसी बंद का आह्वान किया है। अलगाववादी समूहों के अनेक मुख्य नेताओं की गिरफ्तारी के बाद ये समूह निष्क्रिय हो गए हैं। सरकार ने जेकेएलएफ के यासीन मलिक को गिरफ्तार किया है जो 1990 में हुई भारतीय वायुसेना के कर्मियों की हत्या के मामले में आरोपी है। 

जम्मू कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के नेता शब्बीर शाह को भी गिरफ्तार किया गया है जो 2007 के धनशोधन के एक मामले में आरोपी है। अधिकारियों ने बताया कि अलगाववादी नेताओं द्वारा पाकिस्तान में मेडिकल सीटों की बिक्री करने का मामला भी पिछले साल संज्ञान में आया जिससे जनता में इन लोगों के खिलाफ बड़े पैमाने पर असंतोष व्याप्त हो गया। अधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा नियमों में बदलाव किए जाने के बाद आतंकवादियों के जनाजे में जुटने वाली हजारों लोगों की भीड़ पर भी रोक लग गई क्योंकि मारे गए आतंकवादियों की पहचान नहीं की गई। कुछ मामलों में आतंकवादियों की पहचान हुई, लेकिन उनके शव अज्ञात कब्रिस्तानों- या तो बारामूला या गांदरबल भेज दिए गए तथा परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में उन्हें दफना दिया गया। कम होती हिंसा के आंकड़े प्रस्तुत करते हुए अधिकारियों ने बताया कि 2018 में पथराव की 532 घटनाएं हुईं, वहीं 2019 में 389 और 2020 में पथराव की 102 घटनाएं हुई हैं। 

उन्होंने बताया कि 2018 के मुकाबले 2019 में पथराव की घटनाओं में 27 प्रतिशत की कमी आई, वहीं 2020 में पथराव की घटनाओं में 73 प्रतिशत की कमी आई है। अधिकारियों ने कहा कि 2018 में 2,268 पथराव करने वाले गिरफ्तार किए गए, वहीं 2019 में 1,127 और 2020 में 1,152 ऐेसे लोग गिरफ्तार किए गए। आंकड़ों के अनुसार 2018 में 583 आतंकवादी गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए गए, वहीं 2019 में 849 तथा 2020 में 444 आतंकवादी गिरफ्तार किए गए हैं। 

अधिकारियों के अनुसार 2018 में 58 हुर्रियत नेता हिरासत में लिए गए, जबकि 2019 में 70 तथा 2020 में छह हुर्रियत नेता हिरासत में लिए गए। वहीं, 2019 में प्रतिबंधित जमात ए इस्लामी के 29 कार्यकर्ता तथा 2020 में इसके आठ कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए। वर्ष 2019 के बाद से सभी अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा और वाहन भी वापस ले लिए गए। आंकड़ों के अनुसार जांच के क्रम में अलगावादियों के 82 बैंक खातों में लेनदेन पर रोक लगा दी गयी है जिनमें 70,44,073 रुपये जमा थे और जमात ए इस्लामी के कार्यालयों वाले 19 परिसरों पर छापेमारी की गई। इसके अलावा, गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत एक मामले में अलगाववादी नेता आसिया आंद्राबी का मकान कुर्क कर लिया गया। अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां आतंकी वित्तपोषण और अन्य मामलों के संबंध में लगातार नजर रख रही हैं तथा जरूरी कार्रवाई कर रही हैं। 

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