पटना: पटना शहर के राजीवनगर थाना क्षेत्र स्थित मानसिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए संचालित आश्रय गृह में एक लडकी सहित दो महिलाओं की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत मामले में गिरफ्तार आश्रय गृह की कोषाध्यक्ष मनीषा दयाल के कार्यालय और निवास पर आज पुलिस ने छापेमारी कर कई दस्तावेज जब्त किए। उक्त आश्रय गृह का संचालन करने वाली स्वयंसेवी संस्था अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन के निदेशक चिरंतन कुमार और कोषाध्यक्ष मनीषा दयाल को गत 13 अगस्त को गिरफ्तार किए जाने के बाद पुलिस ने कल पूछताछ के लिए तीन दिनों के रिमांड पर लिया था।
राजीवनगर थाना क्षेत्र स्थित उक्त आश्रय गृह में रह रही पूनम (17) और बबली (40) के गत 10-11 अगस्त की शाम में गंभीर रूप से बीमार पडने पर उन्हें इलाज के लिए पटना मेडिकल कालेज अस्पताल (पीएमसीएच) लाया गया था जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत लाया हुआ घोषित कर दिया था । पुलिस सूत्रों के अनुसार पटना के बोरिंग रोड इलाका स्थित अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन के कार्यालय और दयाल के निवास पर आज पुलिस ने छापेमारी कर कई दस्तावेज जब्त किए।
पुलिस टीम ने आज छापेमारी के दौरान दयाल के करीबी लोग जिसमें उनके परिवार के कुछ सदस्य भी शामिल हैं से भी पूछताछ की। इस बीच समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने बताया कि उक्त आश्रय गृह में रह रही महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच के लिए भेजे गए चिकित्सकों की टीम की जांच के आधार पर वहां रही तीन महिलाओं जिनमें खून की कमी पायी गयी को इलाज के लिए पटना मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने बताया कि उक्त आश्रय गृह का संचालन तात्कालिक तौर पर अपने स्तर पर विभाग द्वारा किया जा रहा है। इस बीच जनअधिकार पार्टी के संरक्षक और मधेपुरा के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने इस मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि मनीषा के माध्यम से पटना की इवेंट कंपनियां सरकारी आयोजन को हथिया लेती थीं और इसमें करोड़ों का वारा-न्यारा होता था। उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यों के आवंटन में रिश्वत के लेन-देन में मनीषा दयाल और चिरंतन कुमार की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। इसमें सरकारी अधिकारियों की भी मिली भगत रही है।