चंडीगढ़: पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वाले भारतीय श्रद्धालुओं के पास पासपोर्ट होना जरूरी है, जहां गुरु नानक देव ने अंतिम सांस ली थी। हालांकि, वीजा की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन आगंतुकों को उन्हें अपनी यात्रा से कम से कम एक महीने पहले ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होगा।
केंद्र के अधिकारियों की एक टीम के साथ करतारपुर गलियारा परियोजना की प्रगति का आकलन करने के लिए मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में ये तथ्य सामने आए।
करतारपुर कॉरिडोर से गुजरने वाले प्रत्येक भारतीय श्रद्धालु से पाकिस्तान द्वारा 20 डॉलर का सेवा शुल्क लिया जाएगा। बैठक में मौजूद राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि अमरिंदर सिंह ने सुझाव दिया कि पहचान के लिए पासपोर्ट की जगह आधार जैसे किसी अन्य सरकारी दस्तावेज का जरूर इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बैठक में मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी से कहा कि वे श्रद्धालुओं को सर्वोच्च प्राथमिकता पर पासपोर्ट सेवा देने के लिए एक फास्ट-ट्रैक और सुलभ तंत्र सुनिश्चित करें। उन्होंने विदेश मंत्रालय से श्रद्धालुओं की मदद के लिए तुरंत राज्य भर में पासपोर्ट शिविर लगाने को भी कहा।
बैठक में शामिल रहे पंजाब के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बुधवार को मीडिया को बताया कि श्रद्धालुओं को करतारपुर गलियारे के माध्यम से अपनी पाकिस्तान यात्रा के बारे में ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा के लिए 4 अक्टूबर को एक वेबसाइट शुरू की जाएगी।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है, जिनके पास पासपोर्ट नहीं है। वे सुविधा केंद्रों या डाकघरों में 1,500 रुपये का शुल्क देकर पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं और पूरी प्रक्रिया एक-दो दिनों के भीतर पूरी हो जाएगी, जिसके बाद उन्हें अपने पासपोर्ट मिल जाएंगे।
मुख्यमंत्री नौ नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के दिन सीमा पार करतारपुर साहिब में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
ऐतिहासिक गुरुद्वारे में मुख्यमंत्री के साथ जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में पंजाब के सभी 117 विधायक, लोकसभा और राज्यसभा सांसद, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के सदस्य, साथ ही संत समाज के सदस्य और राज्य में मान्यता प्राप्त प्रत्येक राजनीतिक दल के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके बाद, प्रतिदिन 5,000 श्रद्धालु गुरुद्वारे में मत्था टेक सकेंगे।
4.2 किलोमीटर लंबे गलियारे का निर्माण 31 अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। गुरुद्वारा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित है। यह पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक नगर के पास है।