लखनऊ: लखनऊ स्थित पासपोर्ट कार्यालय में एक अधिकारी पर बदसुलूकी का आरोप लगाने वाले हिन्दू-मुस्लिम दम्पती को पासपोर्ट जारी किये जाने के मामले में स्थानीय पुलिस ने आज अपनी रिपोर्ट सौंप दी। पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि पासपोर्ट सेवा अधिकारी विकास मिश्रा पर बेजा टिप्पणियां करने का आरोप लगाने वाली आवेदक तन्वी सेठ पिछले एक साल से लखनऊ में नहीं रह रही थी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने यहां संवाददाताओं को बताया ‘‘हमने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय को अपनी रिपोर्ट दे दी है। तन्वी सेठ पिछले एक साल से लखनऊ में नहीं रह रही थीं। वह नोएडा में रहती हैं और वहीं कुछ काम करती हैं।‘‘ उन्होंने कहा कि पासपोर्ट जारी करने के लिए नियम है कि आवेदक उस पते पर एक साल से रह रहा हो, जहां का निवासी बताकर उसने आवेदन किया है।
गौरतलब है कि मोहम्मद अनस और उनकी पत्नी तन्वी सेठ ने पिछले सप्ताह आरोप लगाया था कि वे गत 20 जून को पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने के लिए क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय गए थे। दम्पती ने आरोप लगाया था कि पासपोर्ट सेवा अधिकारी विकास मिश्रा ने अनस से कहा कि वह हिन्दू धर्म अपना लें। साथ ही उन्होंने तन्वी से सभी दस्तावेजों में अपना नाम बदलने का निर्देश दिया।
उन्होंने आरोप लगाया था कि जब दोनों ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया तो अधिकारी उन पर चिल्लाने लगा। घटना के बाद दम्पती घर लौट आए थे और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी थी। मामला तूल पकड़ने पर आरोपी अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करके उसका तबादला गोरखपुर कर दिया गया था। उसके बाद अनस और तन्वी के पासपोर्ट जारी कर दिए गए थे।
अनस और तनवी ने 2007 में शादी की थी। उनकी छह साल की एक बेटी भी है और दोनों नोएडा की एक निजी कंपनी में काम करते हैं। अनस के मुताबिक तन्वी और उन्होंने 19 जून को पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था और लखनऊ में पासपोर्ट सेवा केंद्र में उन्हें 20 जून को बुलाया गया था।