नई दिल्ली। इंडिया TV की एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक़ इस समय घाटी में भारत सरकार का सबसे बड़ा प्लान तैयार हो चुका है इस प्लान के तहत कश्मीर में शांति बहाल करना और साथ में स्थिति को नियंत्रित करना है।
दो दिन पहले नेशनल सिक्युरिटी एडवाइज़र अजित डोवाल जम्मू-कश्मीर के दौरे पर थे, वहाँ पर उन्होंने हाई लेवल मीटिंग की, जिसके बाद यह तय किया गया 25 तारीख़ को की CRPF की 50 कंपनियां, BSF की दस कंपनियां, SSB की तीस कंपनियां और ITBP की दस कंपनियां कश्मीर में जाएगी।
कल देर रात स्पेशल ट्रेन से पैरामिलिट्री फ़ोर्स के जवान कश्मीर रवाना हो चुके हैं। इस समय CRPF कश्मीर के लिए नोडल एजेंसी है। इस समय घाटी के अंदर सुरक्षा और साथ में अमरनाथ यात्रा को लेकर कुल मिलाके 60, हज़ार के लगभग जवान CRPF की घाटी के अलग अलग जगहों पर तैनात हैं अब ये पचास कंपनियां जिसमें कुल मिलाकर पाँच हज़ार जवान हैं उनके जाने से ये संख्या 65 हज़ार तक हो जाएगी।
इसके साथ साथ बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स की क़रीबन सत्तर कंपनियां इस समय मौजूद है इसका मतलब है सात हज़ार जवान कश्मीर के अलग अलग हिस्सों में बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स के हैं जो की वाइटल इंस्टॉलेशन और ब्रिजेस रोड सिक्योरिटी की ड्यूटी पर लगे हुए। अब बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स की 10 कंपनियां और आ जाने से यह संख्या एक हज़ार और बढ़ जाएगी यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फ़ोर्स के क़रीब आठ हज़ार जवान अब घाटी में तैनात होंगे।
CRPF और BSF साथ-साथ SSB के जवान अलग-अलग जगहों पर तैनात हैं। अमरनाथ यात्रा और कश्मीर घाटी में सुरक्षा के लिए पहले से ही सशस्त्र सीमा बल को तैनात किया गया है। अब इनकी 30 कंपनियां और आएंगी इसका मतलब है कि क़रीब 3 हज़ार जवान बढ़ जाएंगे। ITBP की इस समय 6000 जवान यानी साठ कंपनियां कश्मीर घाटी में अलग अलग जगह तैनात हैं। अब दस कंपनियां जिसमें क़रीबन 1000 के लगभग जवान है उसकी आ जाने से इनकी संख्या सात हज़ार के लगभग हो जाएगी।
ये बताना ज़रूरी है कि कश्मीर में इस समय आंतरिक सुरक्षा 35 ए और 370 आर्टिकल को लेकर अलग-अलग बातें चल रही है इसी लिए स्थानीय लोग ये सोच के चल रहे हैं कि सरकार आतंकवाद के ख़ात्मे के साथ-साथ कश्मीर में शांति बहाल करने के लिए एक बड़ा क़दम उठा सकती है। पिछले दिनों टेरर फंडिंग को लेकर भी कई नेताओं की पूरी तरह से घेराबंदी की गई है इसी लिए सुरक्षा एजेंसी से ये भी मान की चल रही है कि ये बड़ा हो सकता है।