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शरणार्थियों ने कहा, पाकिस्तान में हो रहा अपहरण, दुष्कर्म व जबरन निकाह

पाकिस्तान से यहां आए 160 हिंदू और सिख परिवारों ने हिंदुस्तान में शरण के लिए भारत सरकार से गुहार लगाई है। इन परिवारों का कहना है कि पाकिस्तान में उनकी बेटियों का दुष्कर्म हुआ है, संपत्तियां कब्जा की जा रही हैं।

Written by: IANS
Updated on: February 17, 2020 23:26 IST
Pakistani Hindu- India TV Hindi
Image Source : PTI Delhi Sikh Gurdwara Management Committee President Manjinder Singh Sirsa (orange turban), along 10 Hindu families who have arrived from Pakistan seeking refuge and Indian citizenship.

नई दिल्ली| पाकिस्तान से यहां आए 160 हिंदू और सिख परिवारों ने हिंदुस्तान में शरण के लिए भारत सरकार से गुहार लगाई है। इन परिवारों का कहना है कि पाकिस्तान में उनकी बेटियों का दुष्कर्म हुआ है, संपत्तियां कब्जा की जा रही हैं। इन लोगों ने सीएए का विरोध कर रहे लोगों से भी अपील की है कि उन्हें नागरिकता देने का विरोध न किया जाए। इन लोगों में से 10 परिवार इसी हफ्ते पाकिस्तान से भारत आए हैं।

पाकिस्तान स्थित सिंध हैदराबाद सूबे से भारत आए पंजूराम ने कहा, "पाकिस्तान में निकाह के लिए लड़की की उम्र कम से कम 18 वर्ष तय है, लेकिन हमारी 13-14 साल की बच्चियों का अपहरण किया जा रहा है। अपहरण के बाद 40-50 साल के आदमी से हमारी बच्चियों का जबरन निकाह और इस्लाम कबूल करवाया जा रहा है।" पंजूराम ने कहा, "जब कभी हमने इन वारदातों का विरोध किया तो हमारे खिलाफ जबरदस्त हिंसा की गई। इस दौरान पुलिस और अदालतों ने भी हमारा साथ नहीं दिया।"

पाकिस्तान से आए पंजूराम जैसे कई हिंदू और सिख शरणार्थियों ने सोमवार को यहां दिल्ली के गुरुद्वारा मजनूं टीला में अपना दर्द बयां किया। इस दौरान दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा भी शरणार्थियों के साथ मौजूद रहे। सिरसा ने कहा, "हमने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से इन हिंदू और सिख शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के विषय पर चर्चा की है। इस पूरे मसले पर केंद्रीय गृहमंत्री का रुख काफी सकारात्मक है। उन्होंने हमें जल्द कोई रास्ता निकालने का आश्वासन दिया है।"

पाकिस्तान के हैदराबाद प्रांत से दिल्ली पहुंचे भरत ने कहा, "वहां हमें अपने रिश्तेदारों का अंतिम संस्कार करने की भी इजाजत नहीं है। पाकिस्तान में हमारे पड़ोसी ही हमें शवदाह नहीं करने देते। अंतिम संस्कार करने पर पाकिस्तान में हजारों की भीड़ हमारे खिलाफ इकट्ठा हो जाती है। हम से मारपीट और फिर हमारे घर तोड़ दिए जाते हैं। हम पर दबाव बनाया जाता है कि हम अंतिम संस्कार न करके शव को कब्रिस्तान में दफन कर दें।"

पाकिस्तान से आई एक सिख बच्ची लाली ने कहा, "हम लोग तीर्थयात्रा के बहाने बड़ी मुश्किल से रात के अंधेरे में ट्रकों पर सवार होकर अपने गांव से निकल सके। गांव वालों को अगर यह पता लग जाए कि किसी हिंदू या सिख को भारतीय वीजा मिल गया है तो वह उस व्यक्ति का पासपोर्ट छीनकर जला देते हैं।" गुरुद्वारा मजनूं का टीला में मौजूद इन सभी हिंदू और सिख शरणार्थियों ने गृहमंत्री अमित शाह व केंद्र सरकार से अपील की है कि उन्हें भारत की नागरिकता दी जाए। इन लोगों का कहना है, "पाकिस्तान में हमारे पास गुजर-बसर के लिए सब कुछ था, लेकिन हम अपनी इज्जत और जिंदगी बचाने के लिए पाकिस्तान छोड़कर भारत आए हैं।"

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