नई दिल्ली: रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने सोमवार को बताया कि जम्मू कश्मीर में इस साल अगस्त से अक्टूबर के बीच नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन के 950 मामले हुए, जिनमें सुरक्षा बलों के तीन कर्मचारियों की जान चली गई। राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी देते हुए नाइक ने यह भी बताया कि बीते तीन माह में ही जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन के 79 मामले हुए हैं।
उन्होंने बताया ‘‘पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन करता रहा है। इस साल अगस्त से अक्टूबर, 2019 के बीच नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन के 950 मामले हुए। इसी अवधि में जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन के 79 मामले हुए हैं।’’ नाइक ने बताया ‘‘बीते तीन माह में हुए संघर्ष विराम उल्लंघन के इन मामलों के दौरान सुरक्षा बलों के तीन कर्मचारी शहीद हो गए और सात घायल हुए हैं।’’
एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में नाइक ने बताया कि आए दिन पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन किया जाता है और भारतीय सेना इसका करारा जवाब देती है। उन्होंने बताया कि संघर्ष विराम उल्लंघन और घुसपैठ के मामले हॉटलाइन के स्थापित तंत्र, फ्लैग मीटिंग, सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच बातचीत और दोनों देशों के बीच राजनयिक चैनलों के माध्यम से पाकिस्तानी प्राधिकारियों के समक्ष समुचित स्तर पर उठाए जाते हैं।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में नाइक ने बताया कि घुसपैठ की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने एक रणनीति बनाई है जिसमें प्रौद्योगिकी और मानव संसाधन का समुचित उपयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि आतंकवदियों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के लिए ‘‘घुसपैठ रोधी अवरोधक प्रणाली (एंटी इन्फिल्ट्रेशन ऑब्स्टेकल सिस्टम)’’ की क्षमता बढ़ाई गई है तथा निगरानी उपकरणों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। साथ ही अन्य कदम भी उठाए गए हैं।