नई दिल्ली: पाकिस्तान एक तरफ जहां एलओसी पर लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा वहीं दूसरी तरफ चीन के सहारे भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में लगा हुआ है। इसी सिलसिले में दोनों देशों के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच पाकिस्तान इसमें अपनी टांग अडाकर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने की कोशिश में लग गया है। पाकिस्तान की कोशिश है कि भारत और चीन के बीच विवाद और गहराए। भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने चीन के उच्चायुक्त लू झाओहुई से मुलाकात की है। इतना ही नहीं बासित जल्द ही भूटान के उच्चायुक्त वेटसॉप नमग्येल से भी मुलाकात कर सकते हैं। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस
अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के मुताबिक बासित ने बुधवार को दिल्ली में चीनी राजदूत से मुलाकात की और अखबार की माने तो बासित जल्द ही भूटान के राजदूत से भी मुलाकात करने वाले हैं। भारत और चीन के बीच चल रहे डोकलाम विवाद को लेकर बासित दोनों देशों के राजदूतों से बातचीत करना चाहते हैं। आपको बता दें कि भारत में राजदूत के तौर पर बासित का कार्यकाल पूरा हो गया है और अगले महीने वह पाकिस्तान जा सकते हैं।
वहीं गुरुवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने डोकलाम विवाद पर चीन को करारा जवाब देते हुए संसद में कहा था कि पहले चीन डोकलाम से अपनी सेना हटाए उसी के बाद भारत अपनी सेना हटाने पर विचार करेगा। सुषमा ने कहा है कि भारत अपनी सीमा की रक्षा करने में सक्षम हैं। विदेश मंत्री ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि चीन, डोकलाम की मौजूदा स्थिति को अपने हिसाब से बदलना चाहता है हालांकि मौजूदा गतिरोध पर कानूनी तौर पर भारत का पक्ष मजबूत है। दुनिया के तमाम देश भारत के साथ इस मसले पर खड़े हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी देश अपने हिसाब से डोकलाम ट्राईजंक्शन को नहीं बदल सकता। भूटान के प्रति चीन ने आक्रामक रुख अख्तियार कर रखा है। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस
उन्होंने कहा, ’डोकलाम विवाद पर भारत को कतई घेरा नहीं जा सकता। भूटान जैसे छोटे देश पर चीन हावी हो रहा है। ’भारत और चीन की सीमा अभी तय होनी है, वहीं चीन और भूटान की सीमा भी अभी तय होनी है। अगर चीन भारत की सुरक्षा को कोई नुकसान पहुंचाएगा तो भारत सहन नहीं करेगा।’
क्या है डोकलाम विवाद?
दोनों देशों के बीच सिक्किम क्षेत्र में बढ़ते तनातनी का मुख्य वजह भारतीय जमीन के उस टुकड़े को माना जा रहा है जिसे 'चिकन नेक' के नाम से जाना जाता है। चीन, भारत को इस क्षेत्र में घेरना चाहता है इसलिए वह सिक्किम-भूटान और तिब्बत के मिलन बिंदु स्थल (डोका ला) तक एक सड़क का निर्माण करने की कोशिश कर रहा है जिस पर भारत को आपत्ति है। इस सड़क का निर्माण वह भूटान के डोकलाम पठार में कर रहा है। 'चिकन नेक' का अर्थ है मुर्गे की गर्दन और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण लेकिन कमज़ोर क्षेत्रों को 'चिकन नेक' के नाम से जाना जाता है।
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इस राजा की थी 365 रानियां, उनके खास महल में केवल निर्वस्त्र हीं कर सकते थे एंट्री