नई दिल्ली: पाकिस्तान पिछले कई दिनों से इंटरनेशनल बॉर्डर पर बम बरसा रहा है। इस बार उसने जम्मू कश्मीर के बारामूला में गोलाबारी की है। पाकिस्तान ने उरी सेक्टर के कमल कूट इलाक़े में सीज़फायर तोड़कर जमकर फायरिंग की। इस दौरान उसने मोर्टार दागे, साथ ही पाकिस्तानी रेंजरों की ओर से ऑटोमैटिक हथियारों से भी फायरिंग की गई। भारतीय सेना के जवान भी पाकिस्तान की इस फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में 8 से 10 रेंजरों को मार गिराया है और कई ज़ख्मी भी हुए हैं। पाकिस्तानी रेंजरों द्वारा जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे भारतीय गांवों और सीमा चौकियों पर मोर्टार से गोले दागने और गोलीबारी की घटना में पांच लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए हैं।
जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में लगातार नौंवे दिन पाकिस्तानी रेंजरों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सांबा में कल सुबह नौ बजे शुरू हुई गोलीबारी में दो लोंगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। पाकिस्तानी रेंजरों ने कठुआ जिले में आवासीय इलाकों और चौकियों को भी निशाना बनाया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास आवासीय इलाकों और चौकियों पर भोर से पहले भारी गोलीबारी एवं गोलाबारी की गई।’’ उन्होंने बताया कि गोलीबारी में तीन लोग घायल हुए जिनमें से एक ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया। अन्य घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उन्होंने बताया कि सीमा पर रहने वाले 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित आश्रय स्थलों पर पहुंचाया गया है और अन्य लोगों को बुलेट प्रूफ वाहनों के जरिए वहां से निकालने का अभियान जारी है। जम्मू जिले के आरएस पुरा, अरनिया, बिस्नाह और रामगढ़ तथा सांबा सेक्टरों पर कल रात से गोलीबारी जारी है। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान की ओर से आज सुबह की गई भारी गोलाबारी में आरएस पुरा सेक्टर में एक नागरिक की मौत हो गई और अरनिया सेक्टर में एक अन्य व्यक्ति घायल हुआ है।’’
उन्होंने बताया कि कल रात से इन सेक्टरों के विभिन्न गांवों से बड़ी संख्या में लोग निकाले गए हैं। पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा कल भारतीय गांवों में मोर्टार बम दागने की घटना में 20 नागरिक घायल हो गए थे। पाकिस्तानी गोलाबारी से बुरी तरह प्रभावित अरनिया में सन्नाटा पसरा है क्योंकि अधिकतर लोग अपने घर छोड़ या तो सरकारी शिविरों में या अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं। प्रभावित इलाकों में शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीमा से लगे सभी सेक्टरों में गोलीबारी रातभर बिना रुके जारी रही।
उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी रेंजर भी हताहत हुए हैं क्योंकि भारतीय कार्रवाई में उनके बंकर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। शैक्षणिक संस्थानों और सरकार की अन्य इमारतों में स्थापित शिविरों में 500 से अधिक लोगों ने पनाह ली है। शिविरों में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। जम्मू में 15 मई को सीमापार से गोलाबारी शुरू हुई थी जब बीएसएफ ने जम्मू के सांबा सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की दो कोशिश नाकाम की थी। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में इस साल अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी की घटनाएं बढ़ी हैं। सीमा पार से गोलीबारी की 700 से अधिक घटनाओं में 18 सुरक्षा कर्मियों सहित 40 लोग मारे गए तथा कई घायल हुए हैं।