नई दिल्ली: पाकिस्तान पर तमाम तरह के पाबंदियों की तलवार लटक रही है, लेकिन इसके बावजूद वह आतंकियों का साथ देने की अपनी आदत से बाज नहीं आ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की तरफ से फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) को यह बताया गया है कि आतंक का सरगना मसूद अजहर और उसका परिवार पाकिस्तान से गायब है। बता दें कि पाकिस्तान में टेरर फंडिंग के मसले पर FATF इस सप्ताह अहम फैसला लेने वाला है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान यदि अपने दावे को दोहराता है तो भारत FATF को मसूद अजहर का पता बता सकता है।
पाकिस्तान ने FATF में फिर बोला झूठ
16 फरवरी से शुरू हुई FATF की बैठक में पाकिस्तान ने कहा है कि उसे मसूद अजहर और उसके परिवार का ठिकाना नहीं मालूम है। पाकिस्तान ने कहा है कि अजहर और उसका परिवार लापता हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत को पता है कि मसूद अजहर कहां है और यदि पाकिस्तान एक बार फिर से मसूद अजहर के लापता होने की बात कहेगा तो भारत FATF को उसके पते की सही-सही जानकारी दे देगा। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने 1 मई 2019 को आतंकियों की सूची में डाला था।
पाकिस्तान में थे UN घोषित 16 आतंकी
FATF की बैठक में पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसके यहां संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित किए गए कुल 16 लोग थे। इसमें से 7 आतंकियों की मौत हो चुकी है। वहीं, बचे 9 में से 7 ने संयुक्त राष्ट्र में अपील दायर की हुई है कि उनपर लगे वित्त और यातायात संबंधी प्रतिबंधों को हटाया जाए। ऐसे आतंकियों में हाफिज सईद, हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टवी, याहया मोहम्मद मुजाहिद, हाजी मुहम्मद अशरफ, जफर इकबाल, आरिफ कासमानी और अल कायदा का फाइनैंसर अब्दुल रहमान शामिल है।
ग्रे लिस्ट से बाहर आना पाकिस्तान के लिए जरूरी
बता दें कि पाकिस्तान बहरहाल FATF कr ग्रे लिस्ट में है और अप्रैल तक उसे इस सूची से बाहर नहीं किया गया तो आखिरकार पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट यानी काली सूची वाले देशों के समूह डाल दिया जाएगा, जिसके बाद उसके ऊपर ईरान की तरह गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लागू होगा। FATF की सप्ताहभर चलने वाली बैठक रविवार से फ्रांस के पेरिस में हो रही है, जिसमें ग्लोबल मनी लांड्रिंग और टेरर फाइनेसिंग पर रोक लगाने की दिशा में पाकिस्तान की प्रगति का जायजा लिया जाएगा। यह बैठक 21 फरवरी तक चलेगी।
6 दिन तक चलेगी FATF की बैठक
FATF की 6 दिन चलने वाली इस बैठक में अपराध और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पैसे का इस्तेमाल पर लगाम लगाने की दिशा में वैश्विक संगठन कार्रवाई करेगा, ताकि इससे लोगों और समाज को हो रहे नुकसान पर रोक लग सके। FARF के अनुसार, जिन महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा होगी, उनमें इस दिशा में ईरान और पाकिस्तान की प्रगति शामिल है। बैठक में हिस्सा लेने वाले पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता आर्थिक मामलों के मंत्री हमाद अजहर होंगे। प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री और आंतरिक मामलों के मंत्री के साथ-साथ स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान और वित्तीय निगरानी इकाई (एफएमयू) के अधिकारी भी शामिल होंगे।
जून 2018 से ग्रे लिस्ट में है पाकिस्तान
पाकिस्तान को जून 2018 में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था और उसे एक कार्ययोजना पर काम करने के लिए अक्टूबर 2019 तक का समय दिया गया था, जिसे पूरा नहीं करने पर उसे ईरान और उत्तरी कोरिया के साथ ब्लैक लिस्ट करने की चेतावनी दी गई थी। बाद में अक्टूबर 2019 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को 27 सूत्री एक कार्ययोजना को लागू करने का फरमान देते हुए फरवरी तक ग्रे लिस्ट में रखने का फैसला लिया। इसके बाद इस साल जनवरी में फिर चीन के बीजिंग में एफएटीएफ की बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तान ने कार्ययोजना लागू करने के लिए कार्ययोजना की एक सूची सौंपी।
...और फिर पाकिस्तान हो जाएगा ब्लैक लिस्ट
अब पेरिस मुख्यालय स्थित FATF इस बैठक में पाकिस्तान द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग को समाप्त करने और टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने की दिशा में उठाए गए कदमों का जायजा लेगा। इसके बाद अगर पाकिस्तान को अप्रैल तक ग्रे लिस्ट से नहीं हटाया गया तो उसे ब्लैकलिस्ट में डाला जा सकता है, जिससे उसे ईरान की तरह आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। FATF की बैठक से पहले पाकिस्तान सरकार के सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कड़े कदमों के आधार पर राजनीतिक और सुरक्षा प्रतिष्ठानों को लगता है कि पाकिस्तान मजबूती से अपना पक्ष रख सकता है।