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'भारत से बात करनी है तो मुंबई-पठानकोट आतंकी हमले के दोषियों पर कार्रवाई करे पाकिस्तान'

भारत ने इस बयान के लिए पाकिस्तान की निंदा की कि नई दिल्ली उसके शांति प्रस्तावों का जवाब नहीं दे रहा है। भारत ने कहा कि वार्ता के लिए पाकिस्तान की पेशकश में कोई ‘‘गंभीरता नहीं’’ है क्योंकि वह आतंकवादी संगठनों को ‘‘स्पष्ट समर्थन’’ दे रहा है और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने की कोशिश कर रहा है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 11, 2019 17:17 IST
Raveesh Kumar, MEA- India TV Hindi
Raveesh Kumar, MEA

नई दिल्ली: भारत ने इस बयान के लिए शुक्रवार को पाकिस्तान की निंदा की कि नई दिल्ली उसके शांति प्रस्तावों का जवाब नहीं दे रहा है। भारत ने कहा कि वार्ता के लिए पाकिस्तान की पेशकश में कोई ‘‘गंभीरता नहीं’’ है क्योंकि वह आतंकवादी संगठनों को ‘‘स्पष्ट समर्थन’’ दे रहा है और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने की कोशिश कर रहा है।

भारत की यह तीखी प्रतिक्रिया तब आई है जब कुछ दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने उस पर शांति प्रस्तावों का जवाब नहीं देने का आरोप लगाया। खान की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘‘मुझे ये टिप्पणियां समझ नहीं आती हैं। इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने से पहले ही हमारे प्रधानमंत्री ने उन्हें फोन किया और चुनावी जीत पर बधाई दी।’’

उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने-अपने समकक्षों को भी पत्र लिखा और कार्यभार संभालने के बाद उन्हें बधाई दी। कुमार ने आतंकवाद का समर्थन करने और आतंकवादियों को दूसरे देशों पर हमले करने के लिए अपनी सरजमीं का इस्तेमाल करने देने के लिए भी पाकिस्तान पर निशाना साधा। कुमार ने कहा, ‘‘जब वे कहते हैं कि वे वार्ता के लिए तैयार हैं तो फिर उनके मंत्री अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादियों के साथ मंच क्यों साझा करते हैं। पिछले कुछ महीनों में कई घटनाएं ऐसी रही जब उनके मंत्रियों ने ऐसे लोगों के साथ मंच साझा किया।’’

उन्होंने पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री नूर-उल-हक कादरी के 30 सिंतबर को जमात-उद-दावा (जेयूडी) प्रमुख हाफिज सईद के साथ मंच साझा करने का हवाला दिया जहां दोनों ने भारत विरोधी ‘‘कटु’’ बयान दिए थे। कुमार ने कहा कि दिसंबर में पाकिस्तान के गृह मंत्री ने आतंकवादी संगठन जेयूडी के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी और उन्हें खुले तौर समर्थन देने की बात कही थी। उन्होंने कहा, ‘‘अगर पाकिस्तान वार्ता के लिए तैयार है तो मुंबई और पठानकोट आतंकवादी हमलों में शामिल आतंकवादियों के खिलाफ क्यों कोई कार्रवाई नहीं की गई। हमेशा बातचीत के बाद मामला भुला दिया जाता है।’’

उन्होंने कहा कि जेयूडी और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) को प्रतिबंधित करने वाला अध्यादेश रद्द होने के बाद अब वे प्रतिबंधित संगठनों की सूची में नहीं हैं। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि प्रतिबंधित संगठनों को पाकिस्तान से मिल रहा समर्थन अब भी जारी है। इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।’’ कुमार ने कहा कि सबसे गंभीर बात यह है कि वे आतंकवादी संगठनों को मुख्यधारा में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी वित्तीय समस्याओं से ध्यान भटकाना चाहता है और वह अन्य देशों के बारे में बयान देकर ऐसा कर रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘इसलिए यह बयान कि वह वार्ता करना चाहते हैं, इसमें कोई गंभीरता नहीं है और उन्हें महज बातें करने के बजाय कुछ करके दिखाना चाहिए।’’ भारत में अल्पसंख्यकों के साथ बर्ताव को लेकर खान के बयानों पर कुमार ने कहा, ‘‘हमें अनेकता और समावेशी समाज के विषय पर भाषण देने वाला पाकिस्तान दुनिया में आखिरी देश होना चाहिए। हम और दुनिया इस बात से भली भांति परिचित हैं कि उनके देश में अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार होता है।’’

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