पुणे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान ने ‘‘छद्म’’ युद्ध छेड़ रखा है क्योंकि उसे अहसास हो चुका है कि वह ‘‘परम्परागत’’ युद्ध नहीं जीत सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जो ‘‘छद्म’’ युद्ध का रास्ता अख्तियार किया है, वह एक दिन उसकी हार की वजह बनेगा। सिंह पुणे में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के 137वें कोर्स की पासिंग आउट परेड में बोल रहे थे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को 1948 से लेकर 1965, 1971 और 1999 से यह अहसास हो गया था कि वह किसी भी परम्परागत या सीमित युद्ध में भारत के खिलाफ जीत नहीं सकता। उन्होंने कहा, ‘‘उसने आतंकवाद के जरिए छद्म युद्ध का रास्ता चुना है और मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ आपसे कह सकता हूं कि पाकिस्तान को हार के सिवाय कुछ नहीं मिलेगा।’’
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के अन्य देशों के साथ हमेशा शिष्ट और मैत्रीपूर्ण रिश्ते रहे हैं। भारत की अपने क्षेत्र से अतिरिक्त कोई महत्वाकांक्षा नहीं रही लेकिन अगर उसे उकसाया गया तो वह किसी को नहीं बख्शेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम देश की संप्रभुत्ता और लोगों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं। लेकिन अगर कोई हमारी धरती पर आतंकवादी शिविर चलाता है या कोई हमला करता है तो हम जानते हैं कि मुंहतोड़ जवाब कैसे दिया जाता है।’’
भारतीय सेना न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि यह सीमाओं के पार कार्रवाई करने में भी सक्षम है। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में बालाकोट में हवाई हमले भारत की सैन्य क्षमताओं के उदाहरण हैं।’’
आतंकवाद किस तरह से एक वैश्विक खतरा बन गया है, इसका जिक्र करते हुए, सिंह ने कहा, ‘‘हमने अमेरिका में 9/11 और मुंबई में 26/11 जैसे हमलों को देखा है। भारतीय सेना, सीआरपीएफ और पुलिस बलों ने कई बार दुश्मन देश के हमले को विफल किए हैं।’’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद के अलावा, साइबर युद्ध और नफरत फैलाने वाली विचारधारा को प्रसारित करने की चाल से निपटने की जरूरत है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया ने देखा है कि भारतीय सेना किसी भी मानवीय संकट के दौरान या वैश्विक शांति के लिए खतरे की स्थिति में अत्यधिक तत्परता व कुशलता दिखाती है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, सरकार रक्षा कूटनीति पर जोर दे रही है और इसके तहत भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर सभी वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब किया है और पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग कर दिया गया है।’’