जम्मू: एक जाने माने शिया नेता ने आरोप लगाया है कि अयोध्या जमीन विवाद के समाधान में बाधा उत्पन्न करने वाले लोग पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहे है और यह पड़ोसी मुल्क इस मुद्दे पर धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल करके भारत को अस्थिर करने का प्रयास कर रहा है। शिया केन्द्रीय वक्फ बोर्ड, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सईद वसीम रिजवी ने कहा इस अयोध्या विवाद का समाधान नहीं हो पा रहा है क्योंकि इसमे पाकिस्तान का बड़ा हाथ है। इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों का पाकिस्तान के साथ सीधा संबंध है और देश को अस्थिर करने के लिए खूनखराबा चाहते हैं। ये भी पढ़ें: वायरल सच: राम रहीम ने रोका भारत-चीन युद्ध? जानें बाबा के ‘सुपर पावर’ का सच
पिछले महीने शिया केन्द्रीय वक्फ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि अयोध्या में विवादित स्थल से उचित दूरी पर एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र में एक मस्जिद का निर्माण किया जा सकता है। एक मुस्लिम बहुल क्षेत्र में एक मस्जिद और विवादित स्थल पर हिन्दुओं को राम मंदिर बनाने की अनुमति देने के शिया वक्फ बोर्ड के प्रस्ताव के समर्थन में लोगों की एक राय बनाने के लिए अभियान चला रहे शिया नेता ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान सुन्नी वक्फ बोर्ड और बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का फंडिंग सदस्य है।
उन्होंने कहा हम उच्चतम न्यायालय से एक समाधान चाहते है। हम देश के मुस्लिमों के बीच एक सहमति बनाना चाहते हैं और हम लामबंदी यात्रा पर है ताकि दोनों समुदायों के बीच वार्ता के जरिये इसका समाधान किया जा सके। उन्होंने कहा देश के मुसलमान सच्चे देशभक्त है क्योंकि जब बटंवारे के समय पाकिस्तान में उनके प्रवास के लिए दरवाजे खुले तो उन्होंने भारत में रूकना पसंद किया। हम समुदायों के बीच भाईचारा चाहते है। उन्होंने कहा कि उनकी टीम मुस्लिम नेतृत्व के साथ वार्ता करने के लिए अगले दो दिनों में कश्मीर का दौरा करेंगी।
रिजवी ने पाकिस्तान के पेरोल पर मुल्लाओं और मौलवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा हम पाकिस्तान के इशारे पर काम करने वाले लोगों से बात नहीं करना चाहते है। उन्होंने कहा जो लोग बाबरी मस्जिद मुद्दे पर बात नहीं करना चाहते उनकी असलियत सामने आ गई है। वे लोग पाकिस्तान के कहने पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं क्योंकि उन्हें वहां से पैसा मिल रहा है। खुफिया विभाग के लोग उनकी गतिविधियों के बारे में जानते हैं और हमें उम्मीद है कि उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।