कुलभूषण को पाकिस्तान ने ईरान से अगवा किया?
भारत सरकार ने कहा, ‘कुलभूषण जाधव यकीनन एक भारतीय नागरिक है और नेवी में अफसर रह चुका है। उसके रिटायर होने के बाद से सरकार के साथ कोई संबंध नहीं है। जाधव जो बातें कह रहा है, उनमें कोई सच्चाई नहीं है। उसने जो भी कहा है, प्रेशर में कहा है। जाधव कानूनी तौर पर ईरान में बिजनेस करता था लेकिन उसे कस्टडी में लेकर दबाव डाला गया है। पाकिस्तान में उसकी मौजूदगी सवाल खड़े करती है। इससे ये शक पैदा होता है कि कहीं उसे ईरान से किडनैप तो नहीं किया गया?’
राजदूत को जाधव से क्यों नहीं मिलने दे रहा पाकिस्तान?
भारत ने इसी सवाल का जवाब तलाशने के लिए पाकिस्तान से एंबेसी के अफसरों की जाधव से मुलाकात कराने की इजाजत मांगी थी लेकिन पाकिस्तान ने भारत की ये मांग ठुकरा दी जबकि पराये मुल्क में भारतीय नागरिक को हिरासत में रखना अपने आप में इंटरनेशनल लॉ का उल्लंघन है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि अगर पाकिस्तान के दावे में दम है तो एंबेसी के किसी अफसर को जाधव तक पहुंचने क्यों नहीं दिया गया।
डिमार्च के मुताबिक, जाधव को किसी भरोसेमंद साक्ष्य के बगैर मौत की सजा सुनाने का फैसला हास्यास्पद है और भारतीय उच्चायोग को भी उसके ट्रायल की जानकारी नहीं दी गई। इस मामले में जाधव को अपना पक्ष तक रखने का मौका नहीं मिला और पाकिस्तान के कोर्ट ने उनके खिलाफ सजा सुना दी।
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