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नियंत्रण रेखा की निगरानी के लिए पाकिस्तान ने खरीदा चीन का जिलिन-1 सैटेलाइट डेटा

खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान ने साल 2020 तक जिलिन-1 उपग्रह डेटा की खरीद के लिए चीन के साथ एक करार किया था।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 30, 2020 22:43 IST
Pakistan buys China's Jilin-1 satellite data- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Pakistan buys China's Jilin-1 satellite data

नई दिल्ली। जहां एक ओर भारत लगातार पाकिस्तान और चीन को हर एक मोर्चे पर कड़ी टक्कर दे रहा है। वहीं अब पाकिस्तान की इमरान सरकार ने चीन से सैटेलाइट डेटा खरीदा है। पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद से भारत के खिलाफ लगातार पाकिस्तान और चीन नए-नए तरह के पैतरे आजमा रहे हैं। जहां पाकिस्तान फाइनेंशिएल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। वहीं चीन पाकिस्तान को मोहरा बनाकर भारत के खिलाफ लगातार इस्तेमाल कर रहा है। कहा जा रहा है कि अगर अब भारत का चीन से युद्ध हुआ तो पाकिस्तान उसके साथ खुलकर आ जाएगा। हालांकि, भारत ने कूटनीतिक तरीके से चालबाज चीन को घेर लिया है।राफेल की भारत में लैंडिंग के बाद से चीन और पाकिस्तान की चिंताएं बढ़ गई हैं, साथ ही भारत लगातार अपने रक्षा क्षेत्र को उन्नत और विकसित करने में लगा हुआ है। 

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भारत के खिलाफ अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए पाकिस्तान ने चीन से रियल टाइम सैटेलाइट डेटा खरीदा है, जिसमें उच्च तकनीकि से समृद्ध वीडियो, ऑप्टिकल और हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजरी जैसी चीजें शामिल हैं और साथ ही यह जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास स्थित भारतीय सेना के शिविरों की सटीक स्थिति से संबंधित जानकारी भी प्रदान करा सकता है।

खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान ने साल 2020 तक जिलिन-1 उपग्रह डेटा की खरीद के लिए चीन के साथ एक करार किया था। इसकी कई अन्य सारी खूबियां भी हैं। जैसे कि इसमें वैश्विक कवरेज की क्षमता के साथ कक्षा या ऑर्बिट दस उपग्रहों का एक नेटवर्क शामिल भी है और यह दिन में दो बार किसी भी जगह का परिभ्रमण कर सकता है।

एक सूत्र ने कहा, जिलिन-1 द्वारा प्रदान किए जाने वाले पैंक्रोमैटिक ईमेज का रिजॉल्यूशन 0.72 मीटर और मल्टी-स्पेक्ट्रल छवि 2.88 मीटर है। जिलिन, चांग गुआंग सैटेलाइट टेक्नोलॉजी कंपनी लिमिटेड द्वारा संचालित चीन का वाणिज्यिक रिमोट सेंसिंग उपग्रह है। सूत्रों ने कहा कि साल 2019 में पाकिस्तान ने एल-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) और जिलिन-1 डेटा खरीदा था। यह सैटेलाइट धरती की सटीक और स्पष्ट तस्वीरें भेजने में कारगर है।

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इन्हें खरीदने के विषय पर कहा गया कि यह भूमि और संसाधनों के सर्वेक्षण, प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी, कृषि अनुसंधान, शहरी विकास और अन्य गतिविधियों के लिए डेटा की खरीददारी कर रहा है। साल 2018 में चीन ने पाकिस्तान के लिए दो सुदूर संवेदन उपग्रहों का प्रक्षेपण किया जिसमें दावा किया गया कि यह चीन-पाकिस्तान के आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की प्रगति पर नजर रखेगा।

इसी के साथ पाकिस्तान प्रौद्योगिकी मूल्यांकन उपग्रह और पीआरएसएस-1 जैसे उपग्रहों को लॉन्ग मार्च-2सी रॉकेट के इस्तेमाल से लॉन्च किया जा चुका है। हाल के दिनों में पाकिस्तान ने एलओसी पर जितनी बार सीजफायर का उल्लंघन किया है और चीन ने पूर्वी लद्दाख में जिस तरह से अपनी उपस्थिति मजबूत की है, उसे देखते हुए भारत के लिए दोतरफा फ्रंट वार जैसे हालात बन गए हैं।

तबाह हो जाएगी अर्थव्‍यवस्‍था- इमरान खान

फाइनेंशिएल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक को लेकर तेज गहमा-गहमी का असर पाक के पीएम पर दिखाई दे रहा है। एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में इमरान खान ने कहा कि भारत पिछले दो वर्षों से पाकिस्तान पर एफएटीएफ का प्रतिबंध लगवाने की कोशिश में है। अगर यह प्रतिबंध लग जाता है तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तबाह हो सकती है। दूसरी तरफ, भारत का साफ कहना है कि वह आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाने की अपनी मुहिम से पीछे नहीं हटने वाला। 

(इनपुट- IANS)

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