नई दिल्ली: अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा कूटनीतिक जाल बनाया कि इमरान खान की अब उनके ही घर पर फजीहत हो रही है। पाकिस्तानी मीडिया में बहस इस बात पर हो रही है कि इमरान खान ने क्या किया है क्योंकि अमेरिका आने से पहले वो पाकिस्तान में बड़ी-बड़ी बातें कहकर निकले थे लेकिन चार दिन बाद भी दुनिया में एक भी मुल्क पाकिस्तान के साथ खड़ा नहीं है। वहीं पाकिस्तानी चैनलों पर बैठकर पत्रकार और नेता इमरान खान के लिए हर घंटे एक नए विशेषण का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ह्यूस्टन में पीएम मोदी के मेगा शो के बाद पाकिस्तानी चैनल भी पीएम मोदी के मुरीद हो चुके हैं। इमरान खान के देश के टीवी चैनलों पर कहा जा रहा है कि जब मोदी बोल रहे थे तो माहौल में चमत्कार हो रहा था और इमरान खान जब बोलते हैं तो माहौल में निराशा छा जाती है। पाकिस्तान का बच्चा-बच्चा अपने वजीर-ए-आजम से निराश है, हताश है। सबकी आंखों में उम्मीद थी लेकिन अब सबकी आंखों में सिर्फ और सिर्फ गुस्सा है क्योंकि मोदी के च्रकव्यूह में इमरान खान फंस गए हैं।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, “पाकिस्तान की हवा तो उसी दिन निकल गई थी जब ट्रंप ने मोदी के साथ वो इवेंट किया। गुबारे से हवा निकल चुकी है अब आप जो भी खिताब कर लेंगे उससे क्या कश्मीर वापस आ जाएगा। आप ओआईसी मेंबर से शिकायत करते रहे क्या उन्होंने मोदी को मेडल नहीं दिए, क्या ये हमारी डिप्लोमेसी की नाकामी नहीं है कि हम 14-15 वोट भी जमा नहीं कर सके।“
पाकिस्तानी चैनल पर हुए एक डिबेट शो में कहा गया, “मैं तो पचास दिन से वो वर्ल्ड कप ढूंढ रहा हूं जिसका ऐलान इमरान ख़ान ने 25 जुलाई को वॉशिंगटन से वापसी पर किया था। वो कौन-सा वर्ल्ड कप था जो वो जीतकर आए थे। वो कोई वर्ल्ड कप नहीं था,पचास दिनों में पाकिस्तान की बड़ी हार हुई है। किसी भी अंतरराष्ट्रीय फोरम से हम कुछ हासिल नहीं कर सके।“
डिबेट शो आगे कहा गया, “वो कश्मीर पर भारत के एक्शन की दुनिया से आलोचना न करवा पाए, ना ही कश्मीर को लेकर कोई रिजोल्यूशन यूएन ह्यूमन राइट काउंसिल से, जहां हुकूमत ने मैं ये तो नहीं कहूंगा कि झूठ बोला, लेकिन अवाम को मिस गाइड जरूर किया। जिस काउंसिल में हैं ही 47 देश हैं वहां वजीरे आजम ने कहा कि 58 मुल्कों ने सपोर्ट किया।“
डिप्लोमेसी के दम पर पीएम मोदी ने पाकिस्तानी झूठ की फैक्ट्री का पर्दाफाश दुनिया के हर मंच पर किया है। कर्जे का कटोरा लेकर अमेरिका पहुंचे इमरान को लगा था कि ट्रंप के दरबार में हाजिरी लगाने से काम बन जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं और नतीजा ये हुआ कि मोदी के सामने, इमरान खान ने खुद ही सरेंडर कर दिया।