जयपुर: शूटिंग के दौर से ही विवादों में रही पद्मावती से पद्मावत हुई फिल्म राजस्थान में रिलीज नहीं होगी। राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने आज उदयपुर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहले ही केन्द्र सरकार को विवादित फिल्म पद्मावती को राजस्थान में रिलीज नहीं करने के लिए पत्र लिख चुकी हैं।
इधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने जयपुर में संवाददाताओं से कहा कि यदि फिल्म में विवादित अंश होंगे तो उसका विरोध जारी रहेगा और इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक फिल्म किसी ने देखी नहीं है। फिल्म से यदि आपत्तिजनक बातें निकाल दी गई हैं तो विरोध क्यों, यदि राजस्थान के इतिहास के साथ छेड़छाड़ के अंश हैं तो फिल्म का विरोध जारी रहेगा।
बता दें कि कई रूकावटों को पार करने के बाद संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म ‘पद्मावत’ 25 जनवरी को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होगी। ‘पद्मावती’ फिल्म का नाम बदल कर ‘पद्मावत’ किया गया है। यह जानकारी आज वॉयकॉम 18 मोशन पिक्चर्स के सूत्रों ने दी। केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने पटकथा को लेकर विवाद में फंस गई फिल्म को प्रदर्शित करने की अनुमति प्रदान कर दी है। सीबीएफसी ने निर्माताओं से फिल्म का नाम बदलने और कुछ अन्य बदलाव करने को कहा था।
आखिर क्यों नाराज है राजपूत समाज, रानी पद्मावती के साथ क्या है खास कनेक्शन ?
क्योंकि राजपूत समाज का मानना है कि रानी पद्मावती राजा रत्न सिंह की धर्म पत्नी थी। लोगों का ऐसा मानना रहा है कि चित्तौड़गढ़ की रानी पद्मावती की खूबसूरती पर अलाउद्दीन खिलजी मोहित था जिसके चलते उसने चित्तौड़गढ़ पर हमला किया था। इस हमले के बाद रानी पद्मावती और किले में मौजूद अन्य महिलाओं ने जौहर कर (खुद को जलाकर) आत्महत्या कर ली थी।
राजपूत समाज इस बात को लगातार मानता आ रहा है कि मुगलों के आक्रमण के बाद रानी पद्मावती ने 16000 रानियों के साथ जौहर किया था ताकि देश और राजपूत समाज की इज्जत और मान मर्यादा के साथ कोई खिलवाड़ ना हो। लेकिन सजंय लीला भंसाली अपनी इस फिल्म में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच प्रेम संबंध की कहानी दिखाकर इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं और उनका यह प्रयास गलत है ऐसे में अगर यह फिल्म राजस्थान में रिलीज होती है तो राजपूत समाज के साथ ही हिंदू समाज भी सड़कों पर उतरेगा और पूरा विरोध किया जाएगा।