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पद्म पुरस्कार: प्रेरक लोगों को मिली तरजीह, संभ्रांत वर्ग का दबदबा टूटा

लंबे समय से चला आ रहा दिल्ली और मुंबई के संभ्रांत तबकों का प्रभुत्व भी इस बार टूटा। पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों - पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री, में दिए जाते हैं। इनकी घोषणा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की जाती है।

Written by: Bhasha
Published on: January 26, 2020 22:09 IST
Padma Awards- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Representational Image

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के विभिन्न हिस्सों और समाज के अलग अलग तबकों के ऐसे लोगों को सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म पुरस्कारों के लिए चुना है, जिनका व्यक्तित्व प्रेरक रहा है। अधिकारियों ने रविवार को कहा कि कई दशकों में पहली बार पूर्वी भारत पहले नंबर पर रहा और उसके बाद दक्षिण का स्थान रहा। लंबे समय से चला आ रहा दिल्ली और मुंबई के संभ्रांत तबकों का प्रभुत्व भी इस बार टूटा। पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों - पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री, में दिए जाते हैं। इनकी घोषणा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की जाती है।

एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में कई प्रेरक लोगों की पहचान की गयी है और उनका चयन देश के सभी हिस्सों, समाज के विभिन्न तबकों और हर क्षेत्र से किया गया है। अधिकारी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में नि:स्वार्थ सेवा को भी पहचान मिली है। पुरस्कार विजेताओं के संघर्ष, प्रतिबद्धता, दृढ़ता और सेवा की कहानियां 'नए भारत की कहानी' बताती हैं और वे भारत के सच्चे नायक हैं जो पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं।

2014 के बाद से हर वर्ष विभिन्न क्षेत्रों के लोगों का चयन किया गया है जिनमें अलग-अलग राज्यों के किसानों व जैविक किसानों का ऐतिहासिक चयन किया गया है। इसके अलावा बागवानी करने वाले, पुराने बीजों का संरक्षण करने वाले तथा आधुनिक तकनीक अपनाने वाले प्रगतिशील लोगों का भी चयन किया गया है।

अधिकारी ने कहा कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और दिल्ली से आगे डॉक्टरों के साथ ही विभिन्न भाषाओं  संथाली, ओडिया, भोजपुरी, डोगरी, असमिया, कश्मीरी, कन्नड़, तमिल, मराठी, उर्दू, संस्कृत, अंग्रेजी के कई लेखकों को भी चुना गया है। मराठी और दलित रंगमंच से लेकर हिंदुस्तानी और कर्नाटक संगीत, लोक संगीत से लेकर फिल्मी और भक्ति, सूफी, मधुबनी से लेकर रोगन और कश्मीरी शैलियों के कलाकारों को भी चुना गया है।

अधिकारी ने कहा कि पद्म पुरस्कार ऐसे लोगों को दिए जाते हैं जो किसी लाभ की उम्मीद के बिना चुपचाप जमीनी स्तर पर समाज की सेवा करते हैं। इस वर्ष के पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन 15 सितंबर, 2019 को बंद हुआ था और और भारत सरकार को 46,000 से अधिक नामांकन प्राप्त हुए जो 2014 (2,200 नामांकन) की तुलना में 20 गुना अधिक था।

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