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हिरासत में रहने के बावजूद पी चिदंबरम ने GDP में गिरावट को लेकर कही ये बड़ी बात

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने देश की गिरती GDP को लेकर तंज कसा। सीबीआई हिरासत में ले जाने के दौरान कोर्ट परिसर में मौजूद पत्रकारों से उन्होंने कहा कि 'आपको 5 परसेंट याद है ना।'

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : September 03, 2019 17:21 IST
Congress leader and former finance minister P Chidambaram
Image Source : PTI Congress leader and former finance minister P Chidambaram

नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने देश की गिरती GDP को लेकर तंज कसा। सीबीआई हिरासत में ले जाने के दौरान जब कोर्ट परिसर में मौजूद पत्रकारों ने पी चिदंबरम से पूछा कि आपको कुछ कहना है तो चिदंबरम ने कहा- '5 परसेंट'। इसके बाद पत्रकार ने पूछा कि 5 परसेंट क्या है? तो, चिदंबरम ने जवाब दिया कि 'आपको 5 परसेंट याद है ना।'

बता दें कि हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर कम होकर 5 प्रतिशत रह गई। यह पिछले छह साल से अधिक समय में सबसे कम वृद्धि रही है। बीते शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है। पहली तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्यवर्द्धन (जीवीए) वृद्धि 0.6 प्रतिशत रही जो एक साल पहले की इसी अवधि में 12.1 प्रतिशत थी। 

इसी तरह कृषि क्षेत्र में जीवीए वृद्धि कमजोर पड़कर दो प्रतिशत रही जो 2018-19 की अप्रैल-जून अवधि में 5.1 प्रतिशत पर थी। निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर भी घटकर 5.7 प्रतिशत पर आ गयी है जो एक साल पहले की पहली तिमाही में 9.6 प्रतिशत थी। हालांकि, खनन क्षेत्र की वृद्धि में इजाफा हुआ है। आलोच्य अवधि में यह 2.7 प्रतिशत रही है जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 0.4 प्रतिशत थी।

इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 की चौथी तिमाही (जनवरी- मार्च में) देश की आर्थिक वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत के निचले स्तर पर रही थी जबकि एक साल पहले 2018-19 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 8 प्रतिशत के उच्च स्तर पर रही थी। पिछली तिमाही यानी जनवरी से मार्च 2019 में आर्थिक वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2018- 19 की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही। 

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2011-12 के स्थिर मूल्यों के आधार पर वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आकार 35.85 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि वित्त वर्ष 2018-19 की अप्रैल-जून तिमाही में यह 34.14 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस प्रकार यह जीडीपी में पांच प्रतिशत वृद्धि दर को दर्शाता है। 

वहीं, 2011-12 के स्थिर मूल्य के आधार पर समीक्षावधि में सकल स्थायी पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) इस अवधि में 11.66 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में यह 11.21 लाख करोड़ रुपये था। जीएफसीएफ को निवेश का मानक माना जाता है। समीक्षाधीन अवधि में वर्तमान और स्थिर कीमतों पर जीडीपी के समक्ष जीएफसीएफ क्रमश: 29.7 प्रतिशत और 32.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 

पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह क्रमश: 30 और 32.8 प्रतिशत रहा था। भारतीय रिजर्व बैंक ने जून की मौद्रिक समीक्षा में चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया था। वर्ष 2019 की अप्रैल-जून अवधि में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रही है जो उसके पिछले 27 साल में सबसे कम रही।

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