नयी दिल्ली: सरकार ने बुधवार को बताया कि जम्मू कश्मीर में पांच अगस्त के बाद से 5,000 से अधिक लोगों को ऐहतियातन गिरफ्तार किया गया और इनमें से 609 लोग अभी भी हिरासत में हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि पांच अगस्त से राज्य में पुलिस की गोलीबारी में किसी की मौत नहीं हुई लेकिन कानून व्यवस्था संबंधी घटनाओं में 197 लोग घायल हुए हैं। गौरतलब है कि विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधान पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से हटाते हुए सरकार ने राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित कर दिया था। दोनों केंद्रशासित प्रदेश 31 अक्टूबर से अस्तित्व में आ गए हैं।
रेड्डी ने बताया ‘‘शांति भंग न हो और कानून व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए पांच अगस्त के बाद से कश्मीर घाटी में 5,161 लोगों को ऐहतियात के तौर पर गिरफ्तार किया गया। इनमें पथराव करने वाले, असामाजिक तत्व, अलगाववादी और राजनीतिक कार्यकर्ता आदि शामिल हैं। इनमें से 609 लोग अभी भी हिरासत में हैं।’’ उन्होंने बताया कि वर्तमान में हिरासत में रह रहे लोगों में से करीब 218 लोग पथराव करने वाले हैं।’’ हिरासत में लिए गए लोगों में जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं।
रेड्डी ने बताया कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा, कानून व्यवस्था एवं शांति के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। ‘‘जम्मू कश्मीर की सरकार ने खबर दी है कि घाटी में आवश्यक सेवाएं सामान्य तरीके से काम कर रही हैं।’’ मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार से मिली सूचना के अनुसार, पांच अगस्त 2019 के बाद से किसी भी व्यक्ति की कानून व्यवस्था की घटनाओं के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मौत नहीं हुई। उन्होंने बताया ‘‘इस अवधि के दौरान कानून व्यवस्था संबंधी घटनाओं में 197 व्यक्ति घायल हुए। इसी अवधि में आतंकवाद संबंधी घटनाओं में तीन सुरक्षा कर्मी और 17 नागरिक मारे गए तथा 127 व्यक्ति घायल हुए।’’
एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में रेड्डी ने बताया कि जम्मू कश्मीर के लोग पिछले कई दशकों से सीमा पार से मिल रहे समर्थन से चल रहे आतंकवाद एवं अलगाववाद से पीड़ित थे। उन्होंने कहा ‘‘अनुच्छेद 370 और कुछ अन्य संवैधानिक प्रावधानों के चलते इस क्षेत्र के लोग भारत के संविधान के तहत प्रदत्त पूर्ण अधिकारों एवं देश के अन्य नागरिकों को मिलने वाले लाभों से वंचित थे। यही वजह थी कि बीते 70 साल से जम्मू, कश्मीर तथा लद्दाख क्षेत्र का समुचित आर्थिक विकास भी नहीं हो पाया।’’ रेड्डी ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद इन मुद्दों का समाधान हो गया और जम्मू कश्मीर के लोगों को भी देश के दूसरे हिस्सों के नागरिकों की तरह ही अधिकार एवं लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया।
मंत्री ने कहा ‘‘हाल ही में लिए गए इन फैसलों की वजह से कुछ ऐहतियाती कदम शुरू में उठाए गए जिनमें बाद में ढील दे दी गई। ये कदम अल्पकालिक थे और इनकी वजह से किसी तरह का नुकसान होने की कोई विशेष रिपोर्ट जम्मू कश्मीर सरकार से नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की सरकार वहां केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन कर रही है।