नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि देश में कोविड वैक्सीन की अब तक 45.55 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी हैं। शाम सात बजे तक की अस्थायी रिपोर्ट के मुताबिक, बृहस्पतिवार को वैक्सीन की करीब 47 लाख खुराकें लगाई गई हैं। मंत्रालय ने कहा कि बृहस्पतिवार को पहली खुराक के तौर पर 22,83,010 टीके लगाए गए हैं जबकि 18-44 समूह में दूसरी खुराक के तौर पर 4,34,990 टीके लगाए गए हैं। कुल मिलाकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 18-44 आयु समूह के 14,66,22,393 लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दी गई है जबकि 76,51,261 लोगों को दोनों खुराकें लगाई जा चुकी हैं। मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश ने 18-44 वर्ष के आयु वर्ग में वैक्सीन की एक करोड़ से अधिक खुराकें लगाई हैं।
इस बीच चेन्नई के गणितीय विज्ञान संस्थान के अनुसंधानकर्तााओं के विश्लेषण में कहा गया है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने की रफ्तार का संकेत देने वाले ‘आर-फैक्टर’ में क्रमिक रूप से वृद्धि हो रही है और इस संदर्भ में केरल तथा पूर्वोत्तर के राज्यों के शीर्ष स्थान पर रहने से महामारी के फिर से सिर उठाने के बारे में चिंता बढ़ रही है। देश के दो महानगरों, पुणे और दिल्ली में ‘आर-वैल्यू’ एक के करीब जा रही है। आर-वैल्यू या संख्या, कोरोना वायरस के फैलने की क्षमता को प्रदर्शित करती है।
राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 51 नये मामले सामने आए और संक्रमण की दर 0.08 रही। दिल्ली में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 554 है। प्रतिदिन मामलों में होने वाली वृद्धि और उपचाराधीन मरीजों की संख्या में खास कमी नही देखी जा रही है। संस्थान के अनुसंधानकर्ताओं के विश्लेषण के मुताबिक, जब कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर अपने चरम पर थी, तब देश में संपूर्ण आर- वैल्यू नौ मार्च से 21 अप्रैल के बीच 1.37 रहने का अनुमान था। यह 24 अप्रैल और एक मई के बीच घट कर 1.18 रह गयी तथा फिर 29 अप्रैल से सात मई के बीच 1.1 पर आ गयी।
देश में नौ मई से 11 मई के बीच आर वैल्यू करीब 0.98 रहने का अनुमान जताया गया था। यह 14 मई और 30 मई के बीच घट कर 0.82 पर आ गयी और 15 मई से 26 जून के बीच गिर कर 0.78 हो गयी। हालांकि, आर-वैल्यू 20 जून से सात जुलाई के बीच फिर से बढ़ कर 0.88 हो गयी और तीन जुलाई से 22 जुलाई के बीच और बढ़ कर 0.95 हो गयी। गणितीय विज्ञान संस्थान में अनुसंधान टीम का नेतृत्व करने वाले सीताभ्र सिन्हा ने कहा, ‘‘एक विश्वसनीय अनुमान पाने के लिए भारत के उपचाराधीन मरीजों की संपूर्ण संख्या में काफी उतार-चढ़ाव हो रहा है, लेकिन आंकड़े एक करीब मान (वैल्यू) रहने की ओर इशारा कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यह ऊपर या नीचे जा सकता है। ’’
आर-वैल्यू 0.95 होने का यह मतलब है कि प्रत्येक 100 संक्रमित व्यक्ति औसतन 95 अन्य लोगों को संक्रमित करेंगे। यदि आर-वैल्यू एक से कम है तो, इसका मतलब यह होगा कि नये संक्रमित लोगों की संख्या इससे पूर्व की अवधि में संक्रमित हुए लोगों की संख्या से कम होगी, जिसका मतलब है कि रोग के मामले घट रहे हैं। आर-वैल्यू जितनी कम होगी, उतनी तेजी से रोग घटेगा। इसके उलट, यदि ‘आर’ एक से अधिक होगा तो हर चरण में संक्रमितों की संख्या बढ़ेगी--तकनीकी रूप से, इसे महामारी का चरण कहा जाता है। यह संख्या जितनी बड़ी होगी, महामारी आबादी में उतनी ही तेजी से फैलेगी।
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